नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कोविड-19 महामारी और मॉनसून आने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाने का जिक्र करते हुए लोकसभा की एक और विधानसभा की सात सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव को फिलहाल टाल दिया है. आयोग इन उपचुनावों के संभावित कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिये अब शुक्रवार को बैठक करेगा. जिन राज्यों में उप चुनाव टाले गये हैं, उनमें बिहार में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दो-दो सीटें और असम, मध्य प्रदेश और केरल में विधानसभा की एक-एक सीट शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर सीट वहां के मौजूदा प्रतिनिधियों की मृत्यु हो जाने के चलते रिक्त हुई हैं.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी और बाढ़, इस निर्णय के पीछे दो मुख्य कारण हैं. अधिकारी ने कहा कि जमीनी रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने यह निर्णय लिया कि महामारी के दौरान उपचुनाव कराना जनस्वास्थ्य के लिये अच्छा नहीं है. मॉनसून आ जाने और देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाना भी आठ सीटों पर उप चुनावों को टाले जाने का एक और कारण है.
जिला प्रशासन मॉनसून और बाढ़ से उपजी स्थिति से निपटने में व्यस्त होगा
अधिकारी ने इस बात का जिक्र किया चूंकि जिला प्रशासन मॉनसून और बाढ़ से उपजी स्थिति से निपटने में व्यस्त होगा, ऐसे में अभी उप चुनाव कराने का सलाह देना सही नहीं होगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चुनाव कानून के मुताबिक चुनाव आयोग को किसी सीट के रिक्त होने पर 180 दिन (छह महीने) के अंदर उप चुनाव कराना होगा. इन सीटों पर उप चुनाव कराने की छह महीने की समय सीमा जुलाई, अगस्त और सितंबर की विभिन्न तारीखों पर समाप्त हो रही है.
अधिकारी ने बताया कि आयोग ने जब स्थिति की समीक्षा की तब पाया कि इन सीटों पर छह महीने की समय सीमा का पालना करना मुश्किल है और उप चुनाव टालने के लिये केंद्रीय कानून मंत्रालय से संपर्क किया. उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 के तहत कुछ खास मामलों में, चुनाव आयोग केंद्र सरकार (केंद्रीय कानून मंत्रालय) की सलाह से यह प्रमाणित करता है कि छह महीने की समय सीमा के अंदर उप चुनाव कराना मुश्किल है. चुनाव आयोग ने इस प्रावधान का उपयोग करते हुए इन आठ सीटों पर उप चुनाव टालने के लिये 22 जुलाई को एक प्रमाणपत्र जारी किया.
कानून मंत्रालय को लिखे पत्र के कारण भ्रम की स्थिति बनी
आयोग ने एक बयान में गुरुवार को कहा , ''उपचुनाव के समय आदि का यह विषय भी कल (शुक्रवार) को होने वाले चुनाव आयोग की बैठक के लिये निर्धारित है.'' बयान में कहा गया है कि कुल 56 विधानसभा सीटों और लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है. इनमें उप चुनाव टाल दी गई आठ सीटें भी शामिल हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि उसके एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन आठ सीटों पर उपचुनाव के बारे में कानून मंत्रालय को लिखे पत्र के कारण कुछ भ्रम की स्थिति बनी है.
आयोग ने स्पष्ट किया, ''यह सिर्फ आठ सीटों के बारे में है, जिसका उल्लेख कानून और न्याय मंत्रालय को किया गया है... कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ असाधारण परिस्थितियां पैदा हो गई हैं.'' बयान में कहा गया है कि आयोग ने सात सितंबर 2020 तक सिर्फ इन आठ सीटों पर उप चुनाव टालने का निर्णय लिया है. शेष 49 निर्वाचन क्षेत्रों में सात सितंबर के बाद उप चुनाव होने हैं.