(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
COVID-19 से जंग में देरी के सवाल पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दी मोदी सरकार को 'क्लीन चिट'
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी लड़ाई इस समय कोरोना वायरस से है. विपक्ष और सरकार की कोई लड़ाई नहीं है. उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में 80 फीसदी नेताओं ने लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की मांग की.
नई दिल्ली: जहां एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार पर समय रहते कोरोना महामारी से बचाव के उपाय ना करने के आरोप लगाते रहे हैं वहीं इसपर राज्यसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार को अप्रत्यक्ष रूप से क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा है कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों को भी कोरोना के प्रकोप का अंदाजा नहीं था. दूसरे देशों की तुलना में भारत पर ऊपरवाले की कृपा लगती है. आजाद ने ये भी कहा कि इस वक्त हमारी लड़ाई कोरोना वायरस से है, सरकार और विपक्ष की कोई लड़ाई नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई बैठक के बाद आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कही. आजाद ने ये जानकारी भी दी कि सर्वदलीय बैठक में 80 प्रतिशत नेताओं ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की.
कोरोना वायरस से जंग में देरी के सवाल पर मोदी सरकार की आलोचना से परहेज करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, "जब कोई नई बीमारी होती है तो उसके असर और फैलाव के बारे में अनुमान लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है. लेकिन जैसे ही बाकी देशों में कोरोना का असर बढ़ने लगा एक्शन शुरू हो गया. यहां भी जनवरी से ही शुरू (कोरोना का मामला) हो गया था लेकिन उस वक्त ना केवल हिंदुस्तान बल्कि दुनिया के किसी भी देश को इसके खतरनाक असर का अंदाजा नहीं था. अगर दूसरे देशों ने हमसे बेहतर किया होता तो हम कह सकते थे कि हम पीछे रह गए लेकिन अभी अगर दुनिया के हिसाब से देखें तो अब तक ऊपरवाले की कृपा है."
गुलाम नबी आजाद से सवाल पूछा गया था कि क्या भारत सरकार ने कोरोना के मामले में देर से कदम उठाया? आजाद ने जवाब की शुरुआत में ही यह कहा, "हम ऐसा नहीं कह सकते."
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दिए गए सुझावों की जानकारी देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के टास्क फोर्स में कुछ मुख्यमंत्रियों को शामिल करने की मांग की. कांग्रेस ने सभी राजनीतिक दलों को नेताओं को साथ लेकर वर्किंग ग्रुप बनाने और कोरोना से अधिक प्रभावित राज्यों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज की मांग भी की है.
आजाद ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष स्वास्थ्यकर्मियों की दिक्कतों को प्राथमिकता से दूर करने और ज्यादा टेस्टिंग करवाने की मांग की. इसके साथ ही मजदूरों को मुफ्त राशन, किसानों की फसल की खरीद की उचित व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और खाद, कीटनाशक, ट्रैक्टर जैसे कृषि उपकरणों से जीएसटी हटाने की मांगें भी रखीं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बैठक में करीब डेढ़ दर्जन पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया जिनमें से 80 फीसदी की राय लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में थी. आजाद के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें कई जगहों से ये सुझाव आया है. मुख्यमंत्रियों से बात कर वो जरूरत के मुताबिक इस पर फैसला लेंगे.
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