नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने कोरोना महामारी पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान गृहमंत्री ने 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट के सम्बन्ध में राज्यों से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर स्थिति को नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए. उन्होंने लोगों की जांच के लिए जा रही मेडिकल टीमों की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया. साथ ही कहा कि राज्य सरकारों को मजदूरों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
समीक्षा के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे क्षेत्र जो हॉट-स्पॉट/क्लस्टर्स/ कंटेन्मेंट जोन में नहीं आते और जिनमें कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है, वहां सावधानी बरतना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि छूट केवल वास्तविक परिस्थितियों का यथोचित आंकलन करके दी जाए.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है. इसके तहत जिलाधिकारियों को उद्योग- समूहों के सहयोग से, राज्य के भीतर ही मज़दूरों को उनके कार्यस्थल पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए. मोदी सरकार का यह मानना है कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी साथ ही मजदूरों को रोज़गार के अवसर भी मिलने लगेंगे.
इसी प्रकार, बड़ी औद्योगिक इकाइयों और औद्योगिक परिसरों के संचालन पर राज्यों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए. विशेषकर ऐसी इकाइयों के संचालन पर ध्यान दें, जहां मज़दूरों को परिसर में ही रखने की व्यवस्था हो. इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और मज़दूरों को रोज़गार प्रदान करने में मदद मिलेगी. इस विषम परिस्थिति में मोदी सरकार देश के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है. उद्योगों के साथ कृषि और मनरेगा गतिविधियों के माध्यम से भी मजदूरों को रोजगार देने की संभावनाओं पर कार्य करना होगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को वे मजदूर, जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं, जैसे भोजन की गुणवत्ता आदि पर अधिक ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यद्यपि स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन इस प्रकार के मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है.
गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि अब जब मेडिकल टीमों के माध्यम से सामुदायिक परीक्षण किये जा रहे हैं, तो मेडिकल टीमों को उचित सुरक्षा दी जाए. इसी प्रकार यदि सामुदायिक परीक्षण के लिए जाने से पहले, समुदाय के ज़िम्मेदार नेताओं को शामिल करके शांति समितियों को सक्रिय किया जाए तो काम को सुचारू रूप से किया जा सकता है. इस प्रकार के प्रयास से कोविड-19 के परीक्षण, उपचार और अन्य संबंधित पहलुओं के बारे में लोगों को जागरूक बना कर उनमें फैले भय और भ्रांतियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिशा-निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त गश्त की जानी चाहिए. जिलाधिकारी निगरानी के लिए पुलिस, पंचायत अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों आदि की मदद ले सकते हैं.
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