Covid Home Testing Kit News: मुंबई में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों ने जनता और सरकार दोनों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन अब एक और चिंता का विषय मुंबई महानगरपालिका के सामने आ गया है, वह है सेल्फ कोविड टेस्ट किट. दरअसल मुंबई के मेडिकल स्टोर पर आजकल देखने को मिल रहा है कि भारी तादाद में सेल्फ कोविड टेस्ट किट की बिक्री बढ़ती जा रही है, लेकिन चिंता की बात यह है कि जो लोग इस किट को खरीद रहे हैं उनका आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते कोरोना के आंकड़ों पर उठने लगे हैं.


दरअसल किसी व्यक्ति को अगर कोरोना के लक्षण होते हैं तो वह अमूमन प्रशासन की तरफ से बनाए गए सेंटर पर जाकर कोविड टेस्ट करता है या फिर प्राइवेट लैब में जाकर. इन जगहों पर आधार कार्ड के आधार पर टेस्ट कराने आए लोगों की पहचान रखी जाती है और डाटा तैयार होता है. वहीं सेल्फ टेस्ट किट का इस्तेमाल करने वालों का डाटा सरकार को नहीं मिल पा रहा. दरअसल जिन कंपनियों ने बाजार में टेस्ट किट उपलब्ध कराई है, उन्होंने उस पर एक कोड अंकित किया है, जिसको स्कैन करने के बाद अगर आप पॉजिटिव हैं तो आपका डाटा कंपनी से सरकार तक पहुंच जाएगा, लेकिन लोग ऐसा कर नहीं रहे हैं. 


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कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर बकुल पारिख भी इस न दिखने वाले खतरे पर अपनी चिंता जाहिर करते हैं. उनका भी मानना है कि सेल्फ कोविड टेस्ट किट लोगों की सुविधाओं के लिए तो अच्छा है. क्योंकि बगैर लैब जाए लोग अपना टेस्ट कर सकते हैं. वो यह पता कर सकते हैं कि वह पॉजिटिव हैं या नेगेटिव. वहीं ये लोग अपना डाटा देने में लापरवाही कर रहे हैं, जिसको लेकर सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए. जिससे आगे पता चल सके कि कौन कब पॉजिटिव हुआ था. उसका एक डाटा सरकार के पास रहे, जिसका इस्तेमाल वैक्सीनेशन जैसे कार्यक्रमों में भी हो सके. 


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इस अंजान खतरे के बारे में हमने मुंबई की मेयर किशोरी पेंडेकर ने कहा कि हमने स्वास्थ्य अधिकारियों से साथ बात की है. हमे ऐसा पता चला है कि अब तक 96000 लोगों ने किट के माध्यम से कोरोना टेस्ट किया है. उसमे से कुल 3000 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. संक्रमित लोगो ने रिपोर्ट उपलोड करके महानगर पालिका को बता दिया है. बीएमसी और डॉक्टर की सलाह से संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. अगर लोग ज्यादा संक्रमित हैं तो अस्पताल में भर्ती हो जाएं. लोग खुद को परेशानी में न डालें. अगर किसी ने जानकारी छुपाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.