COVID-19: केंद्र-राज्य में आरोप प्रत्यारोप के बीच हालात का जायजा लेने खुद सड़क पर उतरीं सीएम ममता
आज केंद्र की तरफ से बनाई गई इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम पश्चिम बंगाल पहुंची. इस बीच खुद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हालात का जायजा लेने के लिए सड़कों पर उतरीं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति सामने आई है. कोरोना वायरस के मद्देनजर केंद्र की तरफ से बनाए गए इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम को लेकर ममता बनर्जी अपना एतराज जता चुकी हैं. वहीं आज गृह मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा कर रही टीमों का सहयोग नहीं कर रही है.
आज ये टीम पश्चिम बंगाल पहुंची. इस बीच ममता बनर्जी खुद सड़कों पर पर उतरीं और लोगों से कोरोना वायरस को हराने में मदद करने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले हम कोरोना वायरस को हराएंगे, इसके बाद देश को बचाएंगे. उन्होंने लोगों से अपील कि वे अपने घरों में रहें.
कोलकाता के राजाबजार पहुंची ममता बनर्जी ने माइक के जरिए कहा, ‘’कोरोना वायरस थोड़ा ज्यादा हो गया इसलिए आपलोगों को अच्छा रखन के लिए हमलोगों को स्ट्रॉग एक्शन लेना पड़ रहा है. कृपया माफ कर दीजिए. आप लोग अच्छे रहिए. आने वाले दिन में हम कोरोना वायरस को तो हटाएंगे. हमें दिल से और पूरी ताकत से लड़ना पड़ेगा. इसलिए पहले कोरोना को हटाइए उसके बाद हम देश को बचाएंगे. इस लड़ाई में आपका शामिल होना जरूरी है. मैं ये देखने आई कि आप सब लोग ठीक तो हैं...चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. हम लोग दिन रात नजर रख रहे हैं. आप ये मत सोचें कि आपकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है. हम लोग पूरी तरह से लगे हुए हैं. जय हिंद, वंदे मातरम, जय बंगला.’’
#WATCH West Bengal CM Mamata Banerjee visits Rajabazar area in Kolkata, asks citizens to stay at home and cooperate in the fight against Coronavirus. pic.twitter.com/NDi3On8eV8
— ANI (@ANI) April 21, 2020
वहीं गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि केंद्रीय टीमों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने से भी रोका जा रहा है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में कहा कि यह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी का दौरा करने वाली दोनों अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीमों को राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं दिया गया है.
भल्ला ने कहा कि वास्तव में, उन्हें यात्रा करने, स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने से विशेष रूप से रोका गया है. उन्होंने कहा कि यह आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों के कार्यान्वयन में बाधा डालने के समान है. इसके साथ ही यह उच्चतम न्यायालय के बाध्यकारी दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन है. केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह केंद्रीय टीमों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करे.
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने भी दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चार राज्यों - महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में टीमें भेजी हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में टीमों को पूरा समर्थन मिल रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में सरकार ऐसा नहीं कर रही है.