कोरोना वायरस की तीसरी लहर के बाद अब हालात काबू में हैं. तमाम राज्यों ने भी कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाना शुरू कर दिया है. अब कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है. जिसमें कहा गया कि, दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में अब भी बढोतरी जारी है, 10 देशों में 56.42 प्रतिशत नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि भारत में कोरोना से लगातार राहत जारी है. 


वैक्सीनेशन ने किया तीसरी लहर के असर को कम
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, दुनिया में अब भी रोजाना 15 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. सावधानी बरतना जरूरी है. हमने तेजी से वैक्सीनेशन कर तीसरी लहर में कोरोना के असर को काफी कम किया है. दूसरी लहर में वैक्सीन की पहली डोज की कवरेज करीब 10 फीसदी थी, वहीं तीसरी लहर जब आई तो 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को पहली वैक्सीन लगाई जा चुकी थी. वैक्सीनेशन पर हमारे प्रयास लगातार ऐसे ही बने रहने चाहिए. कोरोना से बचाव अब भी जरूरी है. 


दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में काफी राहत


कोरोना की दूसरी लहर का स्प्रेड 117 दिन था, वहीं तीसरी लहर में ये सिर्फ 42 दिन का था. कोरोना मौतों की बात करें तो दूसरी लहर में 2 लाख 52 हजार मौतें हुई थीं, वहीं तीसरी लहर में 27 हजार के करीब लोगों की मौत हुई. मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि कोरोना मामलों में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. भारत में एक हफ्ते में औसतन 11000 कोरोना मामले दर्ज किए जा रहे हैं. दुनियाभर के कोरोना मामलों की बात करें तो भारत में सिर्फ 0.7% मामले हैं. 


स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि, देश में अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 77,152 है. पिछले 24 घंटे में 6,561 मामले दर्ज किए गए हैं. राज्यों में केवल एक ही राज्य है, जहां कोरोना के 10,000 से अधिक मामले आ रहे हैं. 5,000-10,000 मामलों वाले राज्य की संख्या 2 है और बाकी राज्यों में 5,000 से कम मामले आ रहे हैं, जिसमें केरल में सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आई है.


राज्यों को कोरोना को लेकर गाइडलाइन 
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि, राज्यों को कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी की गई हैं. जिनमें उन जगहों पर ध्यान देने की बात कही गई है, जहां केस ज्यादा सामने आ रहे हैं. वहां सख्ती बरतने को भी कहा गया है. लगातार इस बात को मॉनिटर करना होगा कि कहां कितने केस हैं, उस प्रांत में हॉस्पिटल की सुविधाएं क्या हैं. गाइडलाइन में बताया गया है कि, अगर सब कुछ ठीक पाया जाता है तो सभी तरह के आयोजन कराए जा सकते हैं, शॉपिंग कॉम्पलैक्स खोले जा सकते हैं, ऑफलाइन क्लासेस शुरू हो सकती हैं. इसी तरह बाकी की सभी चीजों को भी खोला जा सकता है. 


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