नई दिल्ली: विदेशों में मुश्किल हालात के कारण फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए सरकार एक बड़ा अभियान शुरु करने जा रही है. इस काम में पहले हफ्ते में ही करीब 64 उड़ानें संचालित की जाएंगे. हालांकि इस बात का भी इंतजाम किया गया है कि इन उड़ानों के जरिए वो भारतीय नागरिक भी बाहर जा सकेंगे जो विदेशों में काम करते हैं और लॉक डाउन के कारण भारत में अटक गए थे.
उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारतीय नागरिकों लेने के लिए अलग-अलग मुल्कों में जाने वाली हवाई उड़ानें खाली नहीं जाएंगे. बल्कि इन उड़ानों में संबंधित देश के नागरिकों और ऐसे भारतीय नागरिकों को यात्रा की इजाजत दी जा रही है जो वहां काम करते हैं. इसके लिए उनके पास कम से कम एक साल का वीजा होना जरूरी है.
इसके अलावा यदि किसी भारतीय नागरिकों के साथ कोई चिकित्सा इमरजेंसी या अन्य कोई आपात स्थिति है जिसके कारण उसे विदेश जाना है तो उक्त देश के लिए जाने वाली विशेष उड़ान में वो यात्रा के लिए इजाजत मांग सकता है. इसके लिए उसके पास संबंधित देश का कम से कम 6 महीने का वैध वीजा होना अनिवार्य है.
सूत्रों के मुताबिक ऐसे बहुत से लोग हैं जो विदेशों में रोजगार करते हैं और जिन्हें अपनी नौकरी या अन्य किसी आवश्यक काम के लिए बाहर जाना है. साथ ही किसी मेडिकल इमरजेंसी या विदेश में किसी निकट संबंधी की मृत्यु जैसे किसी कारण से यात्रा करना है तो उन्हें अनुमति दी जा सकती है. हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि संबंधित देश की सरकार उन्हें आने की अनुमति दी जाए. सूत्र बताते हैं कि ऐसे लोगों से इस बात का आश्वासन भी लिया जाएगा कि वो वापस आने वाली विशेष उड़ान में लौटने के पात्र नहीं होंगे.
महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों ऐसे सैकड़ों लोगों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है जो विशेष कारणों से विदेश जाना चाहते हैं. इनमें अधिकतर ऐसे लोग हैं जो अपनी नौकरी पर लौटने या विदेश में किसी निकट संबंधी की मृत्यु जैसे कारणों से जाना चाहते हैं.