नई दिल्लीः अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर में कोरोना वायरस फैलने के बाद भारतीय नौसेना ने अपने सभी युद्धपोत और नौसैनिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. खुद नौसेना प्रमुख ने एक वीडियो संदेश जारी कर कोरोना वायरस से बचाव का निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक, 12 पेज की एडवाइजरी में नौसेना ने अपने उन सभी युद्धपोतों को अलग से एक आईसोलेशन वार्ड (क्यूबिक्ल) बनाने का आदेश दिया है जो इस वक्त समंदर में ऑपरेशन्ल ड्यूटी पर हैं.


नौसेना की ओर से कहा गया है कि जहाज पर तैनात कोई भी अधिकारी या नौसैनिक अगर कोरोना वायरस के लक्षण पाएं जाते हैं तो उसे तुरंत बाकी क्रू से अलग कर आईसोलेशन-क्यूबिक्ल में रखा जाए.


एडवाइजरी के मुताबिक, बिना देर किए संदिग्ध नौसैनिक को हेलीकॉप्टर के जरिए नजदीक के बंदरगाह पहुंचा दिए जाएं. जिससे कोरोना वायरस किसी भी हालत में युद्धपोत पर ना फैल सके.


आपको बता दें कि इस समय भारतीय नौसेना के 15 युद्धपोत अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में हैं जो समुद्री-मार्ग की सुरक्षा और तेल के टैंकर्स को एस्कॉर्ट करने से लेकर एंटी-पायरेसी पैट्रोलिंग कर रहे हैं. इन युद्धपोत पर करीब चार हजार अधिकारी और नौसैनिक तैनात हैं.


नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने खुद एक वीडियो संदेश जारी किया है जिसमें उन्होनें सभी को सोशल-डिस्टेंशिंग का पालन करने का आहवान किया है. हालांकि उन्होनें खुद माना कि पनडुब्बी में ये कर पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन एहतियात जरूर बरती जाए.


गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका के विमानवाहक युद्धपोत, यूएसएस रूजवेल्ट को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. इसपर तैनात 400 से भी ज्यादा अमेरिकी नौसैनिक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं.


इस घटना के बाद एयरक्राफ्ट कैरियर के कैप्टन को बर्खास्त कर दिया गया है और अमेरिकी नौसैना के कार्यवाहक सचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अमेरिकी नौसैना के एक और युद्धपोत पर कोरोना वायरस फैलने की खबर है.


'न्यूजवीक' मैगजीन की ताजा रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका के 150 सैन्य-अड्डे ऐसे हैं जहां कोरोना वायरस फैल चुका है. कोरोना संक्रमित ये मिलिट्री बेस अमेरिका के 41 अलग अलग राज्यों में फैले हुए हैं.


माना जा रहा है कि अमेरिका के सभी न्युक्लिर-बेस पर कोविड-19 का प्रकोप फैल चुका है. खुद अमेरिकी सरकार ने माना है कि अबतक करीब 3000 सैनिक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं (इनमें से बड़ी तादाद में नौसैनिक शामिल हैं).


यही वजह है कि भारतीय नौसेना ने अपने नॉन-मेडिकल स्टाफ को भी बैटल-फील्ड नर्सिंग अस्सिटेंट की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है.