COVID-19: जानें देश में कहां स्थिति गंभीर और कहां आया है सुधार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के केस का डबलिंग रेट बढ़कर 7.5 दिन हो गया है. लॉकडाउन लागू होने से पहले ये 3.4 था. वहीं कुछ राज्यों में ये दर 20 दिन से अधिक है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 को लेकर देश के कुछ राज्यों से अच्छी खबरें सामने आ रही हैं. गोवा के सभी मरीजों को रिकवरी के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. अब गोवा में कोई भी एक्टिव केस नहीं है. वहीं गृह मंत्रालय की अधिकारी पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि चार राज्यों के कुछ जिलों में स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में राज्य सरकारों की मदद करेंगे. विशेष टीमें भेजी गई हैं. अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी इनकी अगुवाई कर रहे हैं. जहां भी लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है वहां राज्यों के साथ तालमेल कर सख्ती से पालन करवाने को कहा गया है.
सोमवार को करीब चार बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि इसी तरीके से माही (पुदुचेरी) और कोडगु (कर्नाटक) इन दोनों जिलों में पिछले 28 दिनों में कोई केस नहीं आया था, इसमें अब उत्तराखंड का पौरी गढ़वाल जिले का नाम भी जुड़ गया है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 59 ऐसे जिले हैं जहां पर पिछले 14 दिनों से कोरोना वायरस का कोई केस नहीं आया है. इसमें छह नए जिले जुड़े हैं. इसमें राजस्थान का डूंगरपुर और पाली, गुजरात का जामनगर और मोरबी, गोवा का नॉर्थ गोवा और त्रिपुरा का गोमती जिले शामिल हैं.
लव अग्रवाल ने कहा कि इसके बावजूद भी हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ओडिशा और केरल में भी लगातार सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले भारत में केस का डबलिंग रेड 3.4 दिन था. अब इसमें सुधार हुआ है और ये 7.5 दिन हो गया है. 18 और 19 अप्रैल के डाटा के मुताबिक नेशनल एवरेज से बेहतर रेट है. दिल्ली में 8.5 दिन डबलिंग रेट है. कई राज्यों में डबलिंग रेट 20 दिन से अधिक है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1553 मामले आए और 36 लोगों की मौत हुई. अब तक 2546 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और स्वस्थ होने की दर 14.75 फीसदी है.
वहीं आईसीएमआर के आर गंगाखेडकर ने बताया कि टेस्ट किट को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना होता है. तापमान बढ़ा तो उसके नतीजों में अंतर आ सकता है. 100 लोगों में से 80 लोगों के बिना किसी लक्षण के पॉजिटिव होने का चांस होता है. उन्होंने कहा कि लक्षण होने पर टेस्ट के पॉज़िटिव होने का संभावना अधिक है. जितना इंफेक्शन डेट के करीब जाएंगे तो पता चलने की सम्भवना कम होगी.
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