Coronavirus Live Updates: कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों में तैनात होगी केंद्र की एक्सपर्ट टीम
Coronavirus Live Updates: भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 63 हजार के करीब हो गई है. कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 62,939 है. इनमें 41472 एक्टिव पेशेंट है. 2109 लोगों की मौत हुई है जबकि 19357 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 779, गुजरात में 472, मध्य प्रदेश में 215, पश्चिम बंगाल में 171, राजस्थान में 106, दिल्ली में 73, उत्तर प्रदेश में 74, आंध्र प्रदेश में 44, तमिलनाडु में 44, तेलंगाना में 30, कर्नाटक में 30, पंजाब में 31, जम्मू-कश्मीर में 9, हरियाणा में 9, केरल में 4, झारखंड में 3, बिहार में 5, उत्तराखंड 1, असम में दो, हिमाचल प्रदेश में दो, ओडिशा में दो, चंडीगढ़ और मेघालय में एक मौत हुई है. पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ
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Covid 19 India Live Updates: देश में जानलेवा कोरोना वायरस का खतरा दिन पर दिन और बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन के बावजूद नए मामलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में 128 लोगों की मौत हुई है. वहीं 3277 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंंत्रालय के मुताबिक अबतक 62 हजार 939 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 2109 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 19 हजार 358 लोग ठीक भी हुए हैं. जानें आपके राज्य में कोरोना वायरस का क्या हाल है.
किस राज्य में कितनी मौतें हुईं?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 779, गुजरात में 472, मध्य प्रदेश में 215, पश्चिम बंगाल में 171, राजस्थान में 106, दिल्ली में 73, उत्तर प्रदेश में 74, आंध्र प्रदेश में 44, तमिलनाडु में 44, तेलंगाना में 30, कर्नाटक में 30, पंजाब में 31, जम्मू-कश्मीर में 9, हरियाणा में 9, केरल में 4, झारखंड में 3, बिहार में 5, उत्तराखंड 1, असम में दो, हिमाचल प्रदेश में दो, ओडिशा में दो, चंडीगढ़ और मेघालय में एक मौत हुई है.
टीका विकसित करने के लिए BBIL के साथ काम कर रही है ICMR
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोविड-19 का पूर्ण स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के साथ मिलकर काम कर रही है. एक बयान में बताया गया कि टीके का विकास आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में अलग किए गए वायरस के ‘उप-प्रकार’ का इस्तेमाल कर किया जाएगा.