Lockdown Effect: मैच्योर होने से पहले क्यों बीमा पॉलिसी सरेंडर करा रहे लोग?
Life Insurance Policies: वित्त वर्ष 2021-22 में 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policies) को समय से पहले ही बंद करा दिया गया, जो साल 2020-21 की तुलना में करीब तीन गुना अधिक है.
Life Insurance Policies Surrendered: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की मार लगभग हर क्षेत्रों पर पड़ी है. साल 2020 में कोरोना के बाद लॉकडाउन (Lockdown) से बने हालात ने कई लोगों की नौकरियां छीन ली थी. कई लोगों की सैलरी में कटौती हुई तो कुछ लोगों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा था. इस बीच एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policies) को मैच्योर होने से पहले सरेंडर (Surrender) किया.
वित्त वर्ष 2021-22 में 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसी को समय से पहले ही बंद करा दिया गया. ये आंकड़ा साल 2020-21 में समय से पहले सरेंडर की गई पॉलिसी की संख्या के करीब तीन गुना अधिक है. वित्त वर्ष 2020-21 में सिर्फ 69.78 लाख जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर की गई थी.
अभी भी पटरी पर नहीं जिंदगी?
24 मार्च, 2020 को सरकार की ओर से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. कोविड-19 के प्रकोप के बाद भारी संख्या में लोग बेरोजगार हुए. महामारी ने मेडिकल इमरजेंसी स्थितियों के कारण लोगों के खर्चों में बढ़ोत्तरी की. संकट को कम करने के लिए, सरकार ने कर्ज पर स्थगन और ईपीएफ शेष से आंशिक निकासी सहित कई उपायों की घोषणा की, लेकिन 2021-22 में भी इस महामारी के बने रहने के कारण कई लोगों ने कुछ धन प्राप्त करने के लिए अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर करना शुरू कर दिया.
सरेंडर बीमा पॉलिसी में इजाफा?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 बीमा कंपनियों में से 16 कंपनियों की सरेंडर बीमा पॉलिसी की संख्या में वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बढ़ोत्तरी हुई. जीवन बीमा कारोबार में शामिल एलआईसी समेत मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ, बजाज आलियांज, आदित्य बिड़ला सनलाइफ, कोटक महिंद्रा, टाटा एआईए, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस, केनरा-एचएसबीसी, श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस, फ्यूचर जेनेराली इंडिया, एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस, एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस और भारती एक्सा की पॉलिसी की समय से पहले सरेंडर की संख्या में इजाफा हुआ.
पॉलिसी सरेंडर किस बात का संकेत?
पॉलिसी धारकों की पॉलिसी का सरेंडर करना एक तरह से आर्थिक तंगी का संकेत देता है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021-22 में पॉलिसी धारकों को भुगतान किया गया औसत सरेंडर मूल्य 62,552 रुपये था. साल 2020-21 में ग्राहकों को भुगतान किया गया सरेंडर मूल्य करीब 1,67,427 रुपये था. एलआईसी पॉलिसीधारक के लिए, 2021-22 के दौरान सरेंडर की गई 2.12 करोड़ से अधिक पॉलिसी का औसत सरेंडर-वैल्यू सिर्फ 43,306 रुपये था, जबकि पिछले वर्ष में, एलआईसी पॉलिसीधारकों ने 53.35 लाख पॉलिसियों को सरेंडर किया था और उन्हें भुगतान की गई औसत सरेंडर वैल्यू 1,49,997 रुपये थी.
बीमा कंपनियों के आंकड़े?
पिछले साल की तुलना में केवल आठ कंपनियों ने 2021-22 में सरेंडर की गई पॉलिसी की संख्या में कमी देखी है. ये हैं- एसबीआई लाइफ, रिलायंस निप्पॉन, इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस, पीएनबी मेटलाइफ, प्रामेरिका, स्टार यूनियन दाई-इची, एगॉन लाइफ इंश्योरेंस और सहारा इंडिया. इन कंपनियों के पॉलिसीधारकों ने 2021-22 में 4.93 लाख पॉलिसी सरेंडर की हैं, जो 2020-21 के मुकाबले 21.7 फीसदी कम है. जिन कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में सरेंडर की गई पॉलिसी की संख्या में तेज वृद्धि देखी है, वे हैं- एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ, एडलवाइस टोकियो, केनरा एचएसबीसी, फ्यूचर जेनराली, टाटा एआईए, श्रीराम और मैक्सलाइफ.
जब कोई पॉलिसीधारक मैच्यूरिटी से पहले अपनी जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policies) को सरेंडर करता है तो उसे जमा किए गए प्रीमियम (Premium) का केवल एक छोटा हिस्सा मिलता है. हालांकि सभी कंपनियों का इसे लेकर अलग-अलग नियम हैं. बीमाकर्ता भी पॉलिसीधारकों को ये सलाह देते दिखते हैं कि वक्त से पहले पॉलिसी सरेंडर करने से नुकसान ही होता है.
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