जोधपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है. इस लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने घरों में हैं. अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर बहुत अधिक शादियां होती हैं. लेकिन कोरोना के कहर के चलते हजारों की तादाद में शादियां स्थगित हुई हैं.
ऐसी महामारी के हालातों में सूर्यनगरी जोधपुर में आज एक ऐसा विवाह सम्पन्न हुआ है जिसमें ना शहनाई बजी, ना वर घोड़े पर सवार हुआ और ना ही हुई विवाह की पूरी रस्में हुईं. लेकिन फिर भी लॉकडाउन में सात फेरों के बाद सात जन्मों के बंधन में वरुण और मीनाक्षी बंध गए. विवाह के दौरान वरुण धनदिया ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया. यह विवाह दुर्गा मंदिर में संपन्न हुआ.
दादा की इच्छा को पूरा करने के लिए किया सादगी से विवाह
दूल्हा वरुण के दादा की तबीयत खराब है जिसके चलते वरुण को इस आपात स्थिति में ही शादी को संपन्न करना पड़ा. वरुण के दादा की यह प्रबल इच्छा है कि वह अपने जीवन काल में अपने पोते का विवाह देख लें. वरुण ने अपने दादा की आंखों में इस ख्वाहिश को देखा और दादा की बात मानते हुए मीनाक्षी को इस बात के लिए राजी किया कि वे लॉकडाउन के दौरान सादगी पूर्ण विवाह करेंगे.
इस विवाह के बाद वरुण और मीनाक्षी ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह भी भली-भांति किया. साथ ही इस शादी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश और विदेश के मेहमान भी शादी का गवाह बने और आशीर्वाद दिया. इस विवाह के बाद वरुण ने प्रधानमंत्री के कोविड19 राहत कोष में चार लाख एक हजार रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख एक हजार रुपये की सहायता राशि का चेक दिया.
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