नई दिल्ली: लॉक डाउन के शुरुआती दिनों में प्रवासी मज़दूरों के पलायन ने देश के सामने दिल दहलाने वाली तस्वीरें पेश की थीं. उस दौरान हज़ारों की संख्या में मज़दूरों ने पैदल ही भूखे प्यासे अपने गांवों की तरफ़ क़दम बढा दिया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लॉक डाउन की शुरुआत में प्रवासी मज़दूरों के आनंद विहार बस अड्डे पर एक साथ हज़ारों की संख्या में जमा होने की घटना पर गम्भीर चिंता जताई है . राज्यपालों और उपराज्यपालों के साथ आज हुई बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ऐसी घटनाओं से कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई कमज़ोर हो सकती है .
'कोई भी भूखा नहीं रहे'
कोविंद ने बेघर, बेरोज़गार और समाज के पिछड़े लोगों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया है. राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे लोगों के प्रति ज़्यादा संवेदनशील रहने की ज़रूरत है. राष्ट्रपति ने सभी राज्यपालों से अपने राज्यों में ये सुनिश्चित करने को कहा है कि लॉक डाउन के दौरान ऐसा कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे . हालांकि राष्ट्रपति ने ऐसे लोगों तक भोजन पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है इसलिए भोजन मुहैया कराते समय सोशल डिस्टेंशिंग का ख़ास ख्याल रखा जाए .