नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के 1233 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 16758 हो गए हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बुधवार को महाराष्ट्र में 34 लोगों की मौत हो गई है. यहां अब तक कुल 651 लोगों की मौत हुई है.


वहीं बीएमसी ने बताया कि मुंबई के धारावी में 68 नए मामले सामने आए और एक मरीज की वायरस के वजह से मौत हो गई है. इस तरह से झुग्गी वाले इस इलाके में अब तक 733 मामले सामने आ चुके हैं और 21 लोगों की मौत हो चुकी है.


महाराष्ट्र सरकार ने आईसीयू बेड में बढ़ोत्तरी के लिए सहायता मांगी


इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे, सेना और दूसरे केंद्रीय उपक्रमों के अस्पतालों से आग्रह किया है कि वे राज्य में मौजूद अपनी सुविधाएं सरकार के लिए उपलब्ध करवाएं. राज्य सरकार मामले बढ़ने के साथ ही गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) के बेड की संख्या में इजाफा करना चाहती है.


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड-19 मरीजों के इलाज और आईसीयू बेड की चिंता को लेकर निजी तौर पर उच्च अधिकारियों से चर्चा की है. बयान के मुताबिक, 'योजना के तहत, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में रेलवे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, भारतीय सेना, नौसेना और केंद्र सरकार के अन्य उनक्रमों के अस्पतालों, संस्थानों और इमारतों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.'


राज्य सरकार ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस से निपटने में जुटे हैं और इसकी रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं. बयान के मुताबिक, ' परीक्षणों की संख्या में व्यापक वृद्धि की गई है, ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. स्वस्थ होने वाले और अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.'


राज्य सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि कुल 2819 मरीज विभिन्न अस्पतालों से ठीक होकर जा चुके हैं. बयान में कहा गया, 'केंद्र ने मई में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया है, राज्य सरकार ने मुंबई और पुणे में पृथक-वास और आईसीयू सुविधाएं तैयार की हैं.'


केडीएमसी ने अपने इस फैसले पर लगाई रोक


वहीं कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) ने बुधवार को मुंबई में आवश्यक सेवाओं के लिए कार्यरत स्थानीय निवासियों को एंट्री देने से इनकार करने के अपने विवादास्पद फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है. महाराष्ट्र में कोविड-19 के सबसे अधिक मामलें मुंबई में सामने आये हैं. केडीएमसी के अलावा, उल्हासनगर के नगर निगम और अंबरनाथ और बदलापुर नगरपालिका परिषद ने मंगलवार को इसी तरह के फैसले की घोषणा की थी.


हालांकि, केवल केडीएमसी ने उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसे 8 मई से लागू किया जाना था और लॉकडाउन की विस्तारित अवधि 17 मई तक प्रभावी रहता. केडीएमसी आयुक्त विजय सूर्यवंशी ने बुधवार को फैसले को निलंबित करने की घोषणा की.


एक आदेश जारी करते हुए, केडीएमसी आयुक्त ने मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और अन्य प्रतिष्ठानों से अपील की थी कि वे अपने कर्मचारियों की ठहरने की व्यवस्था करें, जो केडीएमसी से मुंबई जाते हैं.


कल्याण-डोंबिवली और उल्हासनगर नगर निगमों में पाए गए कई कोविड-19 मामले बीएमसी क्षेत्र के संक्रमण से जुड़े हुए हैं. इस बीच, राज्य सरकार और बीएमसी के कई नर्सों और कर्मचारियों ने केडीएमसी और उल्हासनगर के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त की थी.


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