नई दिल्लीः लॉक डाउन के दौरान किसानों और कृषि क्षेत्र को कई रियायतें देने का ऐलान किया गया है लेकिन फ़सलों को एक स्थान से बाज़ार तक ले जाने में किसानों को अभी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लॉक डाउन के दौरान किसानों को अपनी फ़सल को बाज़ार तक ले जाने में हो रही परेशानी दूर करने के लिए मोदी सरकार ने किसान रथ नाम का ऐप उतारा है.


क्या है 'किसान रथ' ऐप का मकसद


ऐप का मक़सद उन किसानों को अपना सामान लाने ले जाने में मदद करना है जिनके पास या तो परिवहन की अपनी सुविधा नहीं है या फिर अपनी सुविधा होने के बावजूद लॉक डाउन के चलते इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज ऐप को लांच किया.


ओला और उबर की तरह करता है काम


किसान रथ ठीक उसी तरह काम करता है जैसे ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाएं काम करती हैं. उदाहरण के लिए, अगर मेरठ का कोई किसान अपनी फ़सल को अपने आसपास की मंडी में ले जाना चाहता है तो किसान रथ से उसे पता चल जाएगा कि मेरठ में उस वक़्त ट्रैक्टर या कोई अन्य वाहन मौजूद है ये नहीं जिससे फ़सल की ढुलाई हो सके.


कृषि मंत्रालय के मुताबिक़ फ़िलहाल इस ऐप पर 5 लाख से ज़्यादा वाहनों का डेटाबेस मौजूद है. इसके अलावा उन किसानों को भी इसके डेटाबेस में जोड़ा जा रहा है जो फ़सल बीमा योजना के तहत आते हैं. इसके अलावा देशभर की मंडियों को भी उस ऐप से जोड़ा जा रहा है ताकि उसकी मैपिंग हो सके.


कृषि क्षेत्र को मिली हैं कई रियायतें


अप्रैल का महीना गेहूं और अन्य रबी फ़सलों की कटाई का समय होता है. देश के सभी भागों में गेहूं की कटाई का काम 50 फ़ीसदी से ज़्यादा हो चुका है. कटाई के बाद किसानों के सामने गेहूं को मंडी तक ले जाकर बेचने की समस्या है. इसी के चलते लॉक डाउन के दौरान कृषि क्षेत्र को कई रियायतें दी गई हैं. इन रियायतों में खेतों में काम करने की छूट से लेकर मंडियों में ख़रीद बिक्री तक कि छूट शामिल है.


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