Covid-19 New Variant: कोरोना महामारी से दुनिया भर में कोहराम मचा है. इस बीच कोरोना का एक नया वैरियंट AY.4.2 ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आईसीएमआर (ICMR) के वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा के अनुसार नया वैरियंट AY.4.2 को अत्यधिक संक्रामक है. हालांकि उन्होंने कहा कि ये बेहद संक्रामक जरूर है लेकिन यह घातक नहीं हो सकता है. पांडा ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सभी को कोविड से संबंधित शर्तों का पालन करना चाहिए.
भारत भी नए AY.4.2 वैरियंट को लेकर गंभीर
कोविड -19 वैरिएंट AY.4.2 के आने के बाद आम लोगों के साथ साथ वैज्ञानिकों की चिंता भी बढ़ा दी है. भारत अभी भी इसके प्रभाव को निर्धारित करने के लिए नए वैरियंट की जांच कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि एक टीम नए कोविड -19 वैरिएंट AY.4.2 की जांच कर रही है. आईसीएमआर( ICMR) और एनसीडीसी (NCDC) की टीमें अलग-अलग वैरिएंट का अध्ययन और विश्लेषण करती हैं. GISAID के अनुसार डेल्टा वैरियंट के सात नमूने आंध्र प्रदेश में, दो कर्नाटक में, दो तेलंगाना में, चार केरल में, एक-एक जम्मू और कश्मीर और महाराष्ट्र में पाए गए हैं.
यूके भी नए वैरियंट से सतर्क
कोविड-19 के नए वैरियंट AY.4.2 ने यूके के लोगों के लिए भी थोड़ी चिंता बढ़ा दी है. नए वैरियंट के बार-बार मिलने से परेशानी बढ़ी है. हालांकि यहां अभी इस नए वैरियंट को गंभीर चिंता के रुप में नहीं देखा जा रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिक एरिक टोपोल ने 24 अक्टूबर को ट्वीट किया, "डेल्टा वैरियंट AY.4.2,जिसे डेल्टा प्लस के रूप में भी जाना जाता है, ने ब्रिटेन की चिंता बढ़ाई है. ब्रिटेन में इस डेल्टा वैरियंट के मामलों में करीब 10 फीसदी तक वृद्धि देखी गई. इस वायरस को खतरे के एक अलार्म के रुप में भी देखा जा रहा है.
अब तक देश में SARS-CoV2 वैरिएंट के लगभग 17 नमूनों की पहचान की गई है, जिन्हें AY.4.2 कहा जाता है. AY.4.2, कोविड पैदा करने वाले SARS-CoV-2 वायरस के डेल्टा संस्करण का एक उप-वंश है जो भारत में अभी भी प्रभावी है. फिलहाल वैज्ञानिक ये मान रहे हैं कि नया डेल्टा अत्यधिक संक्रामक प्रतीत तो होता है, लेकिन घातक नहीं है. ICMR समेत कई दूसरे देशों के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं.
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