नई दिल्ली: एक संसदीय समिति को शुक्रवार को सूचित किया गया कि कोविड-19 के लिए टीका के अगले साल की शुरुआत तक विकसित होने की उम्मीद है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कोविड-19 के लिए केंद्र की तैयारियों के बारे में समिति को प्रस्तुतियां दीं.
ये प्रस्तुतियां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन संबंधी स्थायी संसदीय समिति के समक्ष दी गयीं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश समिति के अध्यक्ष हैं. रमेश और छह अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया.
सूत्रों ने कहा कि पैनल को बताया गया कि कोविड-19 के लिए कोई टीका अगले साल की शुरुआत तक ही उपलब्ध हो सकता है. कोविड-19 के कारण 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद यह समिति की पहली बैठक थी.
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसदीय समिति की बैठकें फिर शुरू होने पर खुशी जतायी. नायडू ने कहा कि संसदीय समिति की बैठकों के फिर से शुरू होने में देरी नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी.
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि 23 मार्च को संसद की आखिरी बैठक के साढ़े तीन महीने बाद विभागों से संबंधित स्थायी संसदीय समितियों ने कामकाज फिर से शुरू कर दिया है." उन्होंने कहा कि हर कोई इन समितियों द्वारा काम फिर से शुरू किए जाने को लेकर उत्सुक था, "लेकिन देरी हमारे नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण हुयी.’’
नायडू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने संसद की ओर से काम करने वाली इन समितियों के कामकाज को प्रभावित किया है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि समिति की बैठकों के लिए सामाजिक दूरी का पालन, मास्क पहनने जैसे सभी संभव उपाय किए गए थे. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ये समितियां अब संबंधित क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर गौर करेगी.’’
रमेश ने डिजिटल बैठकों के आयोजन के लिए नायडू से अनुरोध करते हुए एक ट्वीट में कहा, "मैं अब भी आपसे अनुरोध करूंगा कि डिजिटल बैठकों की अनुमति दी जाए क्योंकि कम से कम अगले महीने तक संसद की बैठक होने की संभावना नहीं है.’’
विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों ने कोविड-19 संबंधी सरकार की तैयारियों और इससे निपटने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की.
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सूत्रों के अनुसार बैठक में उपस्थित सदस्यों ने भी डिजिटल विचार-विमर्श का अनुरोध किया. रमेश ने ट्वीट किया और कहा कि बैठक जानकारीपूर्ण और उपयोगी रही. हालांकि उन्होंने अफसोस जताया कि हमें डिजिटल बैठकें करने की अनुमति नहीं है. ऐसा होने पर अधिक सांसद भाग ले सकते थे.
गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक 15 जुलाई को होने वाली है. समिति के सदस्य डिजिटल बैठकों की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि इसके लिए संसद की नियम समिति द्वारा नियमों में बदलाव और संसद से मंजूरी की आवश्यकता है.