नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन बढ़ा दी है. पीएम ने आज अपने संबोधन में देश में 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की. इसके अलावा पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना संक्रमण के मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर है. इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग पर भी बल दिया.


अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है. भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड्स की व्यवस्था कर चुके हैं. इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं.


नई गाइडलाइंस में सभी के हितों का रखा जाएगा ध्यान


जो रोज कमाते हैं रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं. मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है. अब नई गाइडलाइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो.


हॉटस्पॉट को लेकर बरतनी होगी सतर्कता


हमें हॉस्पॉट्स को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए हॉस्पॉट्स का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा. अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी.


20 अप्रैल से जरूरी गतिविधियों को दी जाएगी अनुमति


20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा. जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है.


3 मई तक देश में जारी रहेगा लॉकडाउन


3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए.


हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है


अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो अभी ये मंहगा जरूर लगता है लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. सीमित संसाधनों के बीच, भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया.


पीएम मोदी ने साथ के लिए मांगी ये सात बात

पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनका हमें ज्यादा ख्याल रखना है और उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है.

दूसरी बात- लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें. घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें,

तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें.

चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें. दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें.

पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें. उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें.

छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें. किसी को नौकरी से न निकालें.

सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें.

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