नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को बैठक की. इस बैठक में उन्होंने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए संतुलित रणनीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया. इसी दौरान उन्होंने लॉकडाउन 4 का भी जिक्र किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब कोविड -19 के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर एक रोडमैप के लिए राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि विश्व को मौलिक रूप से COVID-19 ने बदल दिया है.
पीएम मोदी ने दिया नया नारा
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन का नया तरीका "जन सेवक जग तक" के सिद्धांत पर एक व्यक्ति से लेकर पूरी मानवता तक होगा. उन्होंने कहा कि हम सभी को नई वास्तविकता की योजना बनानी चाहिए. पीएम मोदी ने कहा, "भले ही हम लॉकडाउन की क्रमिक वापसी को देखते हैं, हमें लगातार याद रखना चाहिए कि जब तक हम एक टीका या समाधान नहीं ढूंढते हैं, तब तक वायरस से लड़ने के लिए हमारे साथ सबसे बड़ा हथियार सामाजिक दूरी है.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के सुझावों के आधार पर ही आगे का रास्ता तय होगा. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा, “मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि 15 मई तक मेरे साथ सुझाव साझा करें कि आप में से प्रत्येक अपने राज्यों में लॉकडाउन से कैसे निपटना चाहता है. मैं चाहता हूं कि लॉकडाउन के क्रमिक सुगमता के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से निपटने के लिए राज्यों को एक ब्लू प्रिंट बनाना चाहिए.''
लॉकडाउन 4 का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहले चरण में लॉकडाउन के जिन कदमों की जरूरत थी, उनकी दूसरे चरण में नहीं थी, तीसरे चरण में जरूरी कदमों की चौथे में आवश्यकता नहीं है."
देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है. लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले यह बैठक हुई है. दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे आशावादी बने हुए हैं, सामूहिक संकल्प भारत को COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में जीत दिलाएगा. कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की. मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे.
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