नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना संकट पर देशभर के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों कि इस संकट से लड़ने की कोशिशों की तारीफ की और साथ ही कहा कि सभी राज्य लॉकडाउन खत्म होने पर उससे उपजे स्थितियों के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और बाकी स्वास्थ्य तैयारियों का उद्देश्य ये है कि कम से कम नुकसान हो.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपना अपना फीडबैक प्रधानमंत्री को दिया और साथ ही साथ प्रधानमंत्री की इस संकट से उबरने की कोशिशों की तारीफ की. सभी मुख्यमंत्रियों ने बारी-बारी से निजामुद्दीन मरकज की वजह से कोरोना के फैलने के खतरे के मद्देनजर उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया.


पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और से कहा कि वे कम्युनिटी लीडर, प्रबुद्ध नागरिकों ,तमाम संप्रदायों के पंथ प्रमुख और धार्मिक संतो के साथ मिलकर कहें कि वह अपने अनुयायियों से इस महामारी से निपटने के बारे में जागरूकता फैलाने को कहें.


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमारे आस्था, हमारे धर्म, हमारे विश्वास और हमारी परंपराओं पर हमला किया है और इसलिए हमें इससे लड़ने के लिए सभी धर्मों, सभी पंथों और सभी संप्रदायों के प्रमुख संतो को अपने-अपने अनुयायियों को इस बीमारी से लड़ने और उसे परास्त करने के लिए आगे आने को कहना चाहिए.


इसके साथ ही पीएण मोदी ने कहा कि यह समय फसल की कटाई का है. इसलिए लॉकडाउन में कुछ ढील दी गई है लेकिन ऐसे हालात में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. पूरी निगरानी और नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए.