कोरोना वायरस से पीड़ित हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की हालत अब स्थिर
चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके दुबे ने कहा कि विज को कोविड निमोनिया है और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. उनकी जरूरी जांच की गई है और उनकी रिपोर्ट संतोषजनक है.
चंडीगढ़: गुरुग्राम के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज करा रहे हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की हालत अब स्थिर है. एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई. विज (67) को मंगलवार शाम को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंत्री को पांच दिसंबर को कोराना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद रविवार को बेचैनी की शिकायत पर रोहतक के स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआईएमएस) में भर्ती कराया गया था.
बयान में कहा गया, "गुरुग्राम के मेदांता-द मेडिसिटी में 15 दिसंबर रात नौ बजे भर्ती कराए गए हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कोविड-19 का उपचार चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है और उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है."
मेडिकल बुलेटिन में मेदांता के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके दुबे ने कहा कि विज को कोविड निमोनिया है और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. उनकी जरूरी जांच की गई है और उनकी रिपोर्ट संतोषजनक है. मंत्री ने पिछले महीने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की दो खुराक में से एक खुराक ली थी. उन्होंने अपने 3 चरणों के परीक्षण में वॉलंटियर बनने की पेशकश की थी. उन्होंने 5 दिसंबर को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे. उन्हें अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में 20 नवंबर को खुराक दिलाई गई थी.
ट्रायल में शामिल होने के बाद भी क्यों हुए संक्रमित ट्रायल में शामिल हुए व्यक्ति को कोरोना होने पर लोगों के डर को लेकर डॉ संजय राय कहते हैं कि वैक्सीन देने के बाद भी लोगों को संभल जाना चाहिए क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद भी प्रोटेक्शन आने में वक्त लग जाता है. दोनों डोज लेना जरूरी है. दूसरी डोज लेने के 4 हफ्ते बाद अच्छा प्रोटेक्शन लेवल हो जाता है. दूसरे डोज के 4 हफ्ते तक जितनी एहतियात बरतेंगे उतना ही अच्छा है.
डॉ संजय कहते हैं कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर अनिल विज को वैक्सीन दी भी गई है तो इतना कम समय है कि इतनी जल्दी प्रोटेक्शन नहीं आ सकता है. वे कहते हैं कि जितने भी वैक्सीन बने हैं फिर चाहे वो माडर्ना की हो या फिर फाइजर की हो या ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन हो सब की दो डोज है. और दूसरी डोज देने के बाद ही प्रोटेक्शन आ सकता है एक डोज से बिल्कुल भी ये संभव नहीं है.
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