COVID-19: राहुल गांधी ने कहा- भारत ने टेस्टिंग किट खरीदने में देरी की, अब इसकी भारी कमी
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत में दस लाख की आबादी पर 149 टेस्ट हुए हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मास टेस्टिंग ही महत्वपूर्ण है. फिलहाल हम कहीं नहीं हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत ने टेस्टिंग किट खरीदने में देरी की और अब गंभीर रूप से इसकी कमी है. इसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि टेस्ट के मामले में भारत बहुत पीछे रह गया है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘’भारत ने टेस्टिंग किट की खरीद में देरी की और अब ये गंभीर रूप से कम हैं. प्रति मिलियन भारतीयों के लिए केवल 149 टेस्ट के साथ, हम अब लाओस (157), नाइजर (182) और होंडुरास (162) की टोली में हैं. मास टेस्टिंग ही कोरोना वायरस से लड़ने की चाबी है. मौजूदा समय में हम कहीं नहीं है.’’
India delayed the purchase of testing kits & is now critically short of them. With just 149 tests per million Indians, we are now in the company of Laos (157), Niger (182) & Honduras (162). Mass testing is the key to fighting the virus. At present we are nowhere in the game.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2020
राहुल गांधी जहां एक तरफ टेस्टिंग किट की संख्या पर सवाल खड़े कर रहे हैं वहीं सोमवार को इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अधिकारी ने बताया था कि देश में इतना स्टॉक है कि हम अगले छह हफ्तों तक टेस्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा था, ‘’चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. जिस स्पीड से हम आज टेस्ट कर रहे हैं, हमारे पास एक स्टॉक है जिसके साथ हम अगले छह सप्ताह तक आसानी से टेस्ट कर सकते हैं.’’
यूपी में टेस्टिंग को बढ़ाया जाए, प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी
उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट ही सही तस्वीर दे सकते हैं. इसको लेकर उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि टेस्टिंग को बढ़ाया जाए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘’मैंने उप्र के मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर टेस्टिंग बढ़ाने का आग्रह किया था. यूपी में होने वाली मौतों में 5 की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मौत के बाद आई. जांच का सिस्टम अभी भी बहुत लचर है. जांच की व्यवस्था को तेज व व्यवस्थित करिए. ज्यादा से ज्यादा जांचें ही हमें सही तस्वीर दे सकती हैं.’’
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