नई दिल्ली: आज लॉकडाउन का 25वां दिन है और 25वें दिन एक गुड न्यूज आई है. जिस उद्देश्य से देश में लॉकडाउन का फैसला लिया गया था उसके सफल होने की तरफ हिंदुस्तान बढ़ चला है. राजस्थान में कोरोना हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा ने कोरोना को मात दी है. दो और मरीजों के ठीक होने के बाद जिले के किसी अस्पताल में अब कोई कोरोना मरीज नहीं है. इससे पहले भी कोरोना से निपटने के लिए भीलवाड़ा मॉडल की देशभर में काफी चर्चा हुई थी.


कोरोना को रोकने में लॉकडाउन का फैसला कितना कारगर रहा है उसे बताने के लिए सरकार ने आंकड़े पेश किए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक नए मामलों के बढ़ने की गति में 40 फ़ीसदी की कमी आई है. यही नहीं देश में संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर भी बाकी दुनिया से बेहतर है.


अब राज्यों से आई अच्छी खबर...


- राजस्थान का भीलवाड़ा, जहां एक वक्त कोरोना का वायरस तेजी से फैल रहा था वो कोरोना मुक्त हो चुका है


ओडिशा में लगातार दूसरे दिन एक भी नया केस नहीं मिला है
गोवा में सिर्फ एक कोरोना पॉजिटिव है जो जल्द ठीक हो जाएगा
यूपी का बरेली जिला भी कोरोना मुक्त हो गया है


ऐसे ही 17 राज्यों के 27 जिले जहां कोरोना की महामारी पहुंची तो थी लेकिन अब दो हफ्तों से कोई नया केस नहीं आया है. केरल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार में में भी कोरोना काबू होता दिखाई दे रहा है. सबसे राहत की बात ये है कि देश के 325 जिलों में अब तक कोरोना से संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिले हैं.


भीलवाड़ा शहर राजस्थान में कोरोना वायरस का एक हॉटस्पॉट था, जहां जिला प्रशासन द्वारा किए गए आक्रामक रोकथाम और उपायों के जरिए वायरस के संक्रमण को सीमित कर दिया गया.


क्या है भीलवाड़ा मॉडल?


भीलवाड़ा में एक डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने के वजह से पूरे शहर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई थी. मरीजों की संख्या 27 तक पहुंच गई थी. मगर कोरोना का मरीज पॉजिटिव पाए जाने के बाद ही जिले की सीमाएं सील कर दी गईं थी. सभी निजी अस्पतालों और होटलों का प्रशासन के द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया. इसके अलावा घर-घर में स्क्रीनिंग की फैसेलिटी दी गई. शहर के अंदर जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और यहां तक कि मीडिया के आने पर भी रोक लगा दी गई. शहर के अंदर प्रशासन और पुलिस के चंद अधिकारी ही मौजूद रहे.


लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने पर जोर दिया जा रहा है. पुलिस की तरफ से घरों में कच्चे जरूरती सामान मुहैया कराया जा रहा है. जिन गरीब लोगों को खाने की जरूरत है उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है.