नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि एफसीआई के तहत आने वाले मजदूरों की अगर मौत हो जाती है तो उसके लिए मुआवजे का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि एफसीआई में विभाग और अनुबंधित दो तरह के मजदूर हैं. जो विभाग के मजदूर हैं उनके लिए पंद्रह लाख और जो कॉन्ट्रैक्ट यानी अनुबंधित मजदूर हैं उनके लिए दस लाख का प्रावधान किया गया है. यह एक तरह का मुआवजा है.


पासवान ने कहा कि हमारे एफसीआई के कर्मचारी और मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं और देश के कोने कोने में अनाज पहुंचा रहे हैं. यह जो कोरोना का मामला है इसके अंदर किसी की मौत हो जाए उनके लिए कोई प्रावधान नहीं था.


केंद्रीय मंत्री नेक कहा कि 9 अप्रैल तक का हमारे पास आंकड़ा है. एक दिन में 77 रेल रैक के जरिए 2.16 लाख मीट्रिक टन अनाज देश के अलग-अलग भागों में भेजा गया है. 7 अप्रैल तक के आंकड़ों के मुताबिक़ 306 लाख टन चावल और 238 लाख टन गेहूं हमारे पास मौजूद हैं. कुल मिलाकर 544 टन अनाज का स्टॉक मौजूद हैं और हमको एक महीना के लिए 70 लाख टन अनाज की आवश्यकता पड़ती है इसलिए हमको साल भर के लिए कोई चिंता नहीं है. अभी बंपर फसल होने वाला है. अनाज की कोई कमी नहीं है.


रामविलास पासवान ने कहा, ‘’राज्य सरकार को बार-बार आग्रह किया है कि हम उनको जो है उनसे पैसा तो ले नहीं रहे हैं. तीन महीने का हम फ्री में अनाज दे रहे हैं. जो ₹3 चावल और ₹2 गेहूं देते हैं उसके अलावा यह दे रहे हैं. आज भी हमने 19 राज्यों के सचिवों से बात किया है और 12 तारीख को भी खाद्य मंत्रियों से बैठक करेंगे. जिन लोगों से बात हुई है उनमें से किसी ने नहीं कहा कि हमारे यहां अनाज की कमी हुई है या अनाज नहीं पहुंच रहा है.’’


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘’हमने कल कह दिया है कि खुले बाजार में ₹22 चावल और ₹21 किलो गेहूं यह कोई भी खरीद सकता है. राज्य सरकार और राज्य सरकार जिस भी तरीके से उसे बांटना चाहे वह बांट सकते हैं.’’


पासवान ने कहा, ‘’हमारे पास में तो कोई कमी नहीं है हमने पहले भी कहा है कि 6 महीना का एडवांस भी कोई राज्य ले सकता है. यदि कोई राशन कार्ड धारी है यदि उनको कोई लेना चाहे तो 6 महीने तक दे सकते हैं. राज्य सरकार और 3 महीना तक तो फ्री में है यह राज्य सरकार के ऊपर में है कि वह एक साथ दें या अलग-अलग दें. हम तो चाहते हैं कि 3 महीने तक मुफ्त वाला एक साथ दे दिया जाए.’’


जमाखोरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक ऐसा हमारे पास कोई शिकायत नहीं मिली है. हम रोज़ाना निगरानी करते हैं. कोई भी जमाखोरी करेगा या कोई भी एमआरपी से ज्यादा लेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि यह समय सबक सहायता करने का है मुनाफा कमाने का नहीं है. यह सिग्नल हमने सबको दे दिया है.


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