कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन में सख्ती बढ़ा दी गई है. वहां पर कोरोना के नए प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं. ऐसे में चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. उनके चीन लौटने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. चीन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को ऑफलाइन क्लास के लिए चीन में प्रवेश की अनुमति अब तक नहीं मिली है. ये मुद्दा गुरुवार को विदेश मंत्रालय के सामने उठाया गया.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चीन के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की वापसी की बात कई बार उठाई गई है. यह बातचीत कोरोना के प्रतिबंधों को लागू करने के बाद से जारी है. चीन को इस बात से अवगत कराया गया है कि प्रतिबंधों का जारी रहना भारतीय छात्रों के अकादमिक करियर को खतरे में डाल रहा है. 






उन्होंने आगे बताया कि अब तक चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी के बारे में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है. बागची ने कहा कि हम  चीन से अपने छात्रों के हित में एक अनुकूल रुख अपनाने का आग्रह करना जारी रखेंगे कि छात्रों को चीन में जल्द वापसी की सुविधा प्रदान की जाए.


बता दें कि चीन में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब-वैरिएंट BA.2 Sub Variant के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों की मानें तो चीन में इस समय कोविड संक्रमण पहले के किसी भी समय की अपेक्षा ज्यादा तेजी से फैल रहा है. बीते दो हफ़्तों में चीन में 10,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.


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