सतह को छूने से नहीं फैलता कोरोना वायरस, अमेरिकी रिसर्च में हुआ खुलासा
अभी तक कहा जा रहा था कि सतहों को छूने से भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता है. लेकिन अब एक अमेरिकी रिसर्च में खुलासा हुआ है कि सतह से संक्रमण न के बराबर होता है.
कोरोना की नई लहर बहुत ही तेजी से फैल रही है. कई राज्यों में संक्रमण का स्तर खतरनाक हो चुका है. पहले कोरोना वायरस 30 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़ता था तो वहीं इस लहर में वायरस करीब 90 प्रतिशत की तेजी के साथ फैल रहा है. ऐसे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लोगों के मन में उठ रहे सवालों का जवाब एक्सपर्ट तलाश रहे हैं. इसी क्रम में लोग यह भी जानना चाहते हैं कि क्या कोरोना वायरस सतह पर भी जिंदा रहता है? अगर जिंदा रहता है तो कितनी देर तक संक्रमण का खतरा होता है?
क्या है CDC का जवाब
इस सवाल को लेकर सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का मानता है कि संक्रमण सतह पर फैलती है इस बात की आशंका काफी कम है. सतह पर संक्रमण फैलने को लेकर सीएस का कहना है कि 10 हजार मामलों में से एक ऐसे मामले सामने आते हैं जो कि सतह के कारण संक्रमित हुए हैं. सीडीसी के बयान का अगर मतलब निकाला जाए तो सतह से कोरोना फैलने का मामला न के बराबर है.
सीडीसी ने 5 अप्रैल को एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि संक्रमण सतह से नहीं फैलता है लेकिन इसकी आशंका इतनी कम है कि ये नहीं के बराबर है.
लगातार संशोधन हो रहा गाइडलाइन में
बता दें कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के साथ ही सीडीसी और डब्लूएचओ इस संबध में रिसर्च कर रहा है. जैसे जैसे रिसर्च का रिपोर्ट सामने आ राह है वैसे वैसे नई गाइडलाइन जारी की जा रही है और पुराने गाइडलाइन में सुधार भी देखने को मिल रहा है.
अगर सीडीसी की रिपोर्ट पर भरोसा करें तो जल्द ही हाइजीन थिएटर और कुछ होटलों, रेस्त्रां, दफ्तर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जरुरत के मुताबिक छूट मिल सकती है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सीडीसी का हवाला देते हुए बताया है कि कुछ खास हालातों में सफाई का ध्यान रखना चाहिए. वायरस के फैलने का खतरा कम करने के लिए रोजाना साबुन वाले पानी से पोंछा लगाना भी पर्याप्त है.
हॉस्पिटल के लिए अलग नियम
सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पतालों के लिए गाइडलाइन बदल जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक अस्पतालों में लगातार मरीजों के आने जाने के कारण सरफेस ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ा रहता है. स्टडी में ये भी कहा गया कि वायरस के घर, दफ्तर या भीतर में फैलने की आशंका कम होती है.
बता दें कि पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि सतह से कोरोना उसी तरह फैलता है, जैसे हवा से फैलता है. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सतह, खासकर प्लास्टिक और स्टील पर वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है.
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