नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियो के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में लॉकडाउन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका, लेकिन पीएम और गृहमंत्री के बयान से साफ है कि कुछ रियायतों के साथ एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. फिलहाल मुख्यमंत्रियों ने अंतिम निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अधिकृत किया है.


ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने स्तर पर जो निर्णय लेंगे, वो मंजूर होगा. माना जा रहा हैं कि इस बुधवार होने वाली कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर देश को वीडियो संदेश देंगे और लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार के निर्णय से अवगत कराएंगे.


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की. इस दौरान COVID-19 महामारी से निपटने के लिए आगे की योजना पर चर्चा की.

मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की यह चौथी बैठक थी. इससे पहले 20 मार्च, 2 अप्रैल और 11 अप्रैल, 2020 को इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी.


विडियो कांफ्रेंसिंग की शुरूआत में प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन से सकारात्मक परिणाम मिले हैं. क्योंकि देश पिछले डेढ़ महीने में हजारों लोगों की जान बचाने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या कई देशों की संयुक्त जनसंख्या के बराबर है. भारत सहित कई देशों में स्थिति मार्च की शुरुआत में लगभग समान थी. हालांकि, समय पर उपायों के कारण, भारत कई लोगों की रक्षा करने में सफल रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल वायरस का खतरा दूर नहीं हुआ है. इसलिए लगातार सतर्कता बरतना जरूरी है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने अब तक दो लॉकडाउन देखे हैं. दोनों कुछ पहलुओं में भिन्न हैं, और अब हमें आगे का रास्ता सोचना होगा. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनोवायरस का प्रभाव आने वाले महीनों में दिखाई देगा. 'दो गज की दूरी' का मंत्र दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मास्क और फेस कवर आने वाले दिनों में हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे.

अर्थव्यवस्था को देना होगा महत्व


प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को महत्व देना होगा और साथ ही COVID -19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी. उन्होंने प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व पर अधिक से अधिक और सुधार उपायों को अपनाने के लिए समय का उपयोग करने पर जोर दिया. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में देश के प्रयासों को बढ़ाने के लिए और लोग अरोग्यसेतु ऐप डाउनलोड करें. उन्होंने कहा "हमें बहादुर बनना होगा और आम नागरिकों के जीवन को छूने वाले सुधारों में लाना होगा.


उन्होंने हॉटस्पॉट्स यानी रेड ज़ोन क्षेत्रों में दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए राज्यों के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राज्यों को प्रयास करना होगा कि रेड जोन को ओरेंज जोन और ओरेंज जोन को ग्रीन में तब्दील करना होगा.


इससे प्रधानमंत्री ने सीधा संकेत दिया है कि देश मे जो इलाके फिलहाल ग्रीन जोन यानी जहां अब तक कोरोना के एक भी मामले सामने नहीं आये हैं. वहां लॉक डाउन में कुछ रियायतें दी जा सकती हैं.

मुख्यमंत्रियों ने पीएम के नेतृत्व को सराहा


मुख्यमंत्रियों ने संकट की इस अवधि के दौरान प्रधान मंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की, और उनके कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमो को सराहा. मुख्यमंत्रियों ने कोविड को लेकर चिंता तो व्यक्त की लेकिन राज्यों के राजस्व के खतरे को भी प्रधानमंत्री के सामने प्रस्तुत किया. मेघालय के मुख्यमंत्री कर्नाड, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अरविंद केजरीवाल, शिवराज सिंह चौहान, विजय रूपानी, ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लॉक डाउन बढ़ाने की सिफारिश की. जबकि कई मुख्यमंत्रियों ने लॉक डाउन की वजह से राज्य में आर्थिक संकट की बात दोहराई.