नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,568 नए मामले सामने आए और महामारी से 156 और मरीजों की मौत हो गई. कोरोना की दूसरी लहर पर काबू की एक बड़ी वजह है ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग. शाम के करीब चार बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 73 हजार से अधिक टेस्ट किए गए.


आंकड़ों पर नजर डालें तो केजरीवाल सरकार अभी तक दिल्ली की आबादी के बराबर कोरोना वायरस के टेस्ट कर चुकी है. अभी तक किसी भी राज्य की सरकार ऐसा नहीं कर पायी है. 


दिल्ली में अभी तक 1.87 करोड़ से अधिक की गईं जांच
दिल्ली में 65 से 70 हजार के करीब रोजाना जांच की जा रही हैं. इसकी बदौलत अभी तक केजरीवाल सरकार 1 करोड़ 87 लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच कर चुकी है. दिल्ली की आबादी करीब 2 करोड़ मानी जाती है. ऐसे में दिल्ली सरकार राज्य की आबादी के बराबर लोगों की कोरोना जांच कर चुकी है. 


दिल्ली में प्रति मिलियन आबादी पर कोरोना की सबसे ज्यादा जांच की गई हैं. दिल्ली में प्रति 10 लाख लोगों में से 9,85,641 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर दिल्ली में कोरोना की जांच की गई है. 


इस मॉडल से कोरोना पर अंकुश
केजरीवाल सरकार की तरफ से अधिक से अधिक टेस्ट के फॉर्मूले से कोरोना पर अंकुश लगाया जा रहा है. डेढ़ महीने में सरकार ने करीब 40 लाख टेस्ट किए हैं. 1 अप्रैल से लेकर अभी तक 41 लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. टेस्ट के आधार पर कोरोना की पुष्टि होने के बाद सरकार ज्यादा से ज्यादा केंटेनमेंट जोन बना रही है. माइक्रो मैनेजमेंट के बल पर दिल्ली में कोरोना को फैलने से रोक रही है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने अभी 46570 कंटेनमेंट जोन बना रखे हैं.