Covid Vaccination: देश में जानलेवा कोरोना वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए अबतक वैक्सीन की 67 करोड़ से ज्यादा डोज़ दी जा चुकी हैं. टीकाकरण अभियान शुरू होने के सात महीनों के बाद अबतक आधी वयस्क आबादी को ही पहली डोज़ लग पाई है. टीकाकरण को लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य फिसड्डी साबित हो रहे हैं.
सिक्किम-हिमाचल समेत इन राज्यों में सभी को लगी एक डोज़
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सिक्किम, दादरा और नगर हवेली और हिमाचल प्रदेश में सभी वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ मिल गई है. इसके अलावा त्रिपुरा, लद्दाख, दमन और दीव, लक्षद्वीप और मिजोरम में 85 फीसदी से ज्यादा आबादी को पहली डोज़ मिल चुकी है.
सिक्किम में 36 फीसदी पात्र आबादी को दूसरी डोज़ दी गई है, दादरा और नगर हवेली में यह 18 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में यह 32 फीसदी है.
वैक्सीनेशन के मामले में फिसड्डी हैं ये राज्य
- तमिलनाडु-86 फीसदी
- बिहार-71 फीसदी
- उत्तर प्रदेश-25 फीसदी
- झारखंड-23 फीसदी
- पश्चिम बंगाल-16 फीसदी व्यस्कों को लगी पहली डोज़.
वैक्सीनेशन के मामले में टॉप पर हैं ये राज्य
- हिमाचल प्रदेश- 69 फीसदी
- उत्तराखंड- 81.19 फीसदी
- केरल- 14 फीसदी
- गुजरात- 85 फीसदी
- मध्य प्रदेश- 69 फीसदी व्यस्कों को लगी पहली डोज़.
केंद्र सरकार ने बताया है कि भारत की आधी से ज्यादा वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ मिल गई है और 16 फीसदी को दोनों डोज़ मिल चुकी हैं. जबकि देश के 99 फीसदी स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज़ मिल गई है और 84 फीसदी स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज़ मिल चुकी है. 100 फीसदी अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं को पहली डोज़ दी गई है, जबकि 80 प्रतिशत को दूसरी डोज़ दी गई है.
अगस्त में हर दिन दी गईं औसतन 59.29 लाख डोज़
अगस्त में 18.38 करोड़ डोज़ दी गईं, जिसके दौरान प्रतिदिन औसतन 59.29 लाख डोज़ दी गईं. अगस्त के अंतिम सात दिनों में औसत दैनिक टीकाकरण 80.27 लाख रहा है. अगस्त में 27 और 31 दोनों दिन वैक्सीन की एक करोड़ से ज्यादा डोज़ लगाई गईं. प्रतिदिन दी जाने वाली डोज़ की संख्या मई की 19.69 लाख से बढ़कर जून में 39.89 लाख और जुलाई में 43.41 लाख हो गई थी.
16 फीसदी वयस्क आबादी का हुआ पूर्ण टीकाकरण
अबतक भारत की 16 फीसदी वयस्क आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण हुआ है. जिसका मतलब है कि उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज़ मिल गई हैं, जबकि 54 फीसदी वयस्क आबादी को कम से कम एक डोज़ दी जा चुकी है.