दुनिया भर में सबसे ज्यादा चर्चित विषय कोविड-19 वैक्सीन बन गया है. लोग अपने सामान्य रूटीन की तरफ वापसी चाहते हैं. महामारी से पहले की स्थिति में पहुंचने के लिए कुछ राहत के इंतजार में हैं जिससे उनका एक बार फिर बाहर निकलना, परिचितों से मिलना और कोरोना वायरस संक्रमण से चिंता मुक्त होना आसान हो जाए. इसके लिए भारत सरकार लोगों का टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में है. इस बीच एक सर्वे से खुलासा हुआ है कि भारत की 50 फीसद से ज्यादा आबादी वैक्सीन लेने के प्रति सतर्कता बरत रही है.
50 फीसद से ज्यादा भारतीय कोविड-19 वैक्सीन के प्रति सतर्क
सर्वे को करीब 11 हजार लोगों पर किया गया है. इसका मकसद सर्वे में शामिल लोगों के वैक्सीन इस्तेमाल करने के खुलेपन, कोविड-19 के खिलाफ सरकारी उपायों की धारणा और लॉकडाउन समेत संभावित भविष्य के उपायों को समझना है. रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन लेने की उत्सुकता पर जनता की राय का विश्लेषण किया गया. उम्र और लिंग के जरिए दिलचस्पी के लेवल में गहराई तक आंकलन करने के बाद नतीजा सामने लाया गया.
दिलचस्प बात ये है कि सर्वे में शामिल 43 फीसदी लोग निश्चित नहीं हैं. उन्होंने वैक्सीन के असरदार होने के शुरुआती नतीजों के बाद ही ठोस राय बनाने की बात कही. इसके विपरीत 10 फीसदी लोग अब तक मजबूती से वैक्सीन इस्तेमाल करने के खिलाफ नजर आए. एक आशावादी नोट पर 47 फीसद लोगों ने वैक्सीन लेने की इच्छा जताई और कहा कि वास्तव में उन्हें इसका इंतजार है.
पुरुषों में 48 फीसद ने टीकाकरण की इच्छा जताई- सर्वे
सर्वे से ये भी खुलासा हुआ कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा सतर्क हैं. पुरुषों में 48 फीसदी ने टीकाकरण की इच्छा जताई जबकि टीकाकरण के लिए तैयार होनेवाली महिलाओं का आंकड़ा 42 फीसद रहा. उम्र के लेवल पर भी सर्वे में आंकलन किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया कि 45-60 और 60 से ऊपर के लोग उतने ज्यादा इच्छुक नहीं हैं जितना कि कम उम्र वाले समूह. ऐसा टीकाकरण के बाद होनेवाली पेचीदगी की आशंका की वजह से हो सकता है.
वरुण धवन और नताशा दलाल की हो चुकी है सगाई, करीना कपूर खान ने अपने रेडियो शो में किया कंफर्म