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COVID-19: लॉकडाउन के बावजूद क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस संक्रमण के मामले?

देश में कोरोना के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 46 हजार के पार हो गया. एक ही दिन में 3900 नए केस सामने आए हैं.

नई दिल्ली: देश में पिछले 40 दिनों से ज्यादा वक़्त से लॉक डाउन है लेकिन बावजूद इसके मामले बढ़ रहे है. पिछले 24 घंटो में 3900 नए मामले और 195 मरीजों की मौत हुई है और ये जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी कहा का रहा है की कुछ राज्य कोरोना से जुड़ा डाटा सही समय पर नहीं दिया और अब दिया इसलिए ये बढ़ोतरी दिख रही है.

देश में कोरोना के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 46 हजार के पार हो गया. एक ही दिन में 3900 नए केस सामने आए हैं. वहीं 24 घंटे में 195 मरीजों की इस संक्रमण से मौत हुई है. इस समय में भारत में 32138 एक्टिव पेशंट हैं यानी जिनका इलाज चल रहा है. ये चिंता का विषय है क्योंकि मामले बहुत तेज़ी अब बढ़ रहे है. वो भी तब जब देश में 40 दिनों से ज्यादा वक़्त से लॉक डाउन है, लेकिन इन बड़े हुए आंकड़ों पर केंद्र सरकार की कुछ और ही दलील है.

केंद्र सरकार के मुताबिक कुछ राज्यों ने मामले रिपोर्ट नहीं किए और अब किए हैं, इस वजह से मामले बढ़े हुए दिख रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के संक्युत सचिव लव अग्रवाल ने कहा, "कुछ राज्यों ने सही समय पर अपने यहां के केस के बारे में जानकारी नहीं दिया. अब वहां से केस आने लगे हैं. हम कन्टेनमेंट जोन के आधार पर काम कर रहे हैं."

केंद्र सरकार ने किसी राज्य का नाम तो नहीं लिया लेकिन आज हुई बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार ठहराया. साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को लेकर भी सरकारों और प्रशासन को और संवेदनशील होना होगा और साथ ही पारदर्शी भी ताकि सही तरीके से बीमारी से निपटा जा सके. लव अग्रवाल ने कहा, "राज्यों को और पारदर्शी होने कि जरूरत है और फील्ड ऐक्शन भी ठीक करने कि जरूरत है. कुछ राज्यों से रिपोर्टिंग नहीं हुई तो हमने बात करके एनकरेज किया उसी का नतीजा है कि उन्होंने अब डाटा शेयर किया."

एक महीने पहले कोरोना संक्रमित मरीजों की बात करें तो ये आंकड़ा काफी कम था. 5 अप्रैल भारत में जहां 3374 केस थे और 77 मरीजों की मौत हुई थी. वहीं एक महीने बाद यानी 5 मई को संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 46433 पहुंच गया. वहीं संक्रमण से मौत का आंकड़ा 1568 पहुंच गया. यानी एक महीने में 43059 मामले सामने आए हैं और 1491 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई. लेकिन केंद्र सरकार का कहना है परिस्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. वहीं इस मामले वो भारत का मुकाबला बाकी दुनिया के देशों से करते हैं. वहीं वो ये भी बताने से नहीं चूकते है की बाकी दुनिया में देश में 10 लाख टेस्ट होने पर कितने केस थे जबकि भारत में 10 लाख टेस्ट होने पर सिर्फ 40 हजार केस पॉजिटिव आए.

एबीपी न्यूज से बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, " भारत में दस लाख से ज्यादा टेस्ट होने के बाद भी कम मामले है जबकि दुनिया के कई देशों में ये आंकड़े भारत के मुकाबले के कई ज्यादा है"

वहीं भारत में संक्रमण के नए मामले आ रहे है उसकी एक बड़ी वजह संख्या में टेस्टिंग भी है. 4 मई तक जहां भारत में 1107233 लोगों के टेस्ट हुए थे वहीं 5 मई को 1191946 लोगों के टेस्ट किए जा चुके थे. यानी पिछले 24 घंटे में 84713 लोगों के टेस्ट हुए है.

इस पर इंटरनल मेडिसन की डॉ स्वाति माहेश्वरी का कहना है, "देश में मामले बढ़ रहे हैं इसकी एक वजह टेस्टिंग भी है. अब आईसीएमआर काफी ज्यादा टेस्टिंग कर रही है क्योंकि हाल में टेस्टिंग के गाइडलाइन भी बदले है. वहीं कई बिना लक्षण मरीज भी अब सामने आए है"

देश में सबसे ज्यादा मामले मामले महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से आ रहे है. जहां महाराष्ट्र में अब तक 14541, गुजरात में 5804, दिल्ली में 4898, तमिलनाडु से 3550, राजस्थान से 3061, मध्यप्रदेश में 2942 और उत्तर प्रदेश से 2766 मामले सामने आए है. फिलहाल केंद्र सरकार का कहना है सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है इस संक्रमण को रोकने के लिए.

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