Covid-19: क्या अगले कुछ महीनों में खत्म हो जाएगा कोविड-19? एक्स्पर्ट्स की राय कर सकती है निराश
Covid-19: कोविड-19 के खत्म होने को लेकर दुनिया भर के एक्स्पर्ट्स की राय आपको निराश कर सकती है. ज्यादातर एक्स्पर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 के अगले 6-8 महीनों तक खत्म होने की कोई संभावना नहीं है.
Covid-19: क्या कोविड-19 अगले कुछ महीनों में खत्म हो जाएगा? ये एक ऐसा सवाल है जो आज के समय में हर किसी के दिमाग में घूम रहा है. दुनिया भर के एक्स्पर्ट्स ने भी कोविड-19 महामारी के खत्म होने को लेकर अपनी राय दी है. इन एक्स्पर्ट्स की ये राय आपको निराश कर सकती है. ज्यादातर एक्स्पर्ट्स इस बात को मानते हैं कि कोविड-19 महामारी का तुरंत खत्म होना मुमकिन नहीं है और कम से कम अगले छह से आठ महीनों तक तो इसके पूरी तरह खत्म होने की कोई संभावना नहीं है.
एक्स्पर्ट्स का ये भी मानना है कि अभी कोविड-19 महामारी की कई और लहर देखने को मिल सकती हैं. जिसके चलते एक बार फिर बंद स्कूल-कॉलेज, मरीजों से खचाखच भरे अस्पतालों का मंजर देखने को मिल सकता है. मिनेपोलिस (Minneapolis) स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा (University of Minnesota) में Center of Infectious Disease Research and Policy के डायरेक्टर माइकल ऑस्टरहोल्म के मुताबिक, "सर्दियों के मौसम में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है. उसके बाद इनमें एक बार फिर कमी आएगी"
दुनिया का हर इंसान एक बार होगा कोविड-19 से संक्रमित
एक्स्पर्ट्स का ये भी मानना है कि, दुनिया का हर एक व्यक्ति कम से कम एक बार कोविड-19 से संक्रमित होगा. कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें ये महामारी एक से ज्यादा बार अपनी चपेट में ले सकती है. कोविड संक्रमण और वैक्सिनेशन के बीच का ये मुकाबला तब तक नहीं खत्म होगा. एक्स्पर्ट्स का ये भी कहना है कि महामारी तभी खत्म होगी, जब या तो सभी लोगों का टीकाकरण हो जाएगा या सभी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएंगे.
ऑस्टरहोल्म के मुताबिक, "मैं आपको बता सकता हूं, ये कोरोना वायरस जंगल की आग की तरह है. ये तब तक नहीं रुकेगी जब तक की ये हर इंसान को अपनी जद में नहीं ले लेती."
कहीं वैक्सीन रेसिस्टेंट वेरिएंट में तब्दील ना हो जाए वायरस
कोविड-19 का सबसे बड़ा खतरा इसकी अपना रूप बदलने यानी म्यूटेट हीयोने की ताकत है. एक्स्पर्ट्स इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि कहीं ये वैक्सीन रेसिस्टेंट वेरिएंट में ना तब्दील हो जाए. अगर ऐसा होता हैं तो इस वायरस का जल्द ख़ात्मा महज एक सपना ही रह जाएगा. साथ ही ऐसा होने पर हमें स्कूल, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट और दफ़्तरों में इस वायरस के आउट्ब्रेक का एक बार फिर सामना करना होगा.
वैक्सिनेशन के बाद भी बनी रहेगी संक्रमण की आशंका
अभी दुनिया में अरबों लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है. वैक्सीन की सप्लाई को लेकर अभी भी अमीर और गरीब देशों में बहुत ज्यादा अंतर है. जल्द ही ये अंतर घटता भी नहीं दिख रहा है. एक्स्पर्ट्स के मुताबिक सबका वैक्सिनेशन होने के बाद भी आबादी के एक हिस्से के संक्रमित होने की आशंका बनी रहेगी. इनमें नवजात शिशु, ऐसे लोग जिन्होंने किसी दूसरी बीमारी के चलते वैक्सीन नहीं लगवाई और वो लोग जो वैक्सीन लगवाने के बावजूद संक्रमित हो गए शामिल हैं.
एक्स्पर्ट्स का ये भी मानना है कि एक बार वायरस वर्तमान में मौजूद टीकों के खिलाफ प्रतिरोधक श्रमत विकसित कर लेगा तो इन टीकों का असर खत्म हो जाएगा. साथ ही एक्स्पर्ट्स ने बताया है कि, हमें पिछले कुछ सालों के अपने इन्फ्लूएंजा बीमारी के अनुभवों से सबक़ लेने की जरुरत है. इस से कोविड-19 से जल्द से जल्द पार पाने का रास्ता मिल सकता है.
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