क्या भारत में कोरोना वायरस की चौथी लहर आने का है खतरा? जानें एक्सपर्ट्स की राय
भारत में कोरोना वायरस के केसों में लगातार दूसरे हफ्ते मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कोरोना के केस दूसरे हफ्ते 25 फीसदी तक बढ़े हैं. सरकार ने चीन में महामारी के हालातों को देख देश में अलर्ट जारी किया है
ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 ने एक बार फिर चीन, अमेरिका और जापान में कहर बरपा रखा है. इसे लेकर भारत सरकार पहले ही अलर्ट मोड में आ चुकी है. इस खतरनाक वेरिएंट के केस भारत में भी आ चुके हैं. हालांकि इन देशों के मुकाबले भारत में अब तक कोरोना वायरस को लेकर इस तरह की भयावह हालात नहीं है.
भारत सरकार ने जनवरी में कोविड-19 केस में स्पाइक की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. अब देश में भी कोविड-19 के केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. भले ही ये केस मामूली संख्या में बढ़े हों, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि राज्यों में इन केस में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस वजह से कोरोना की चौथी वेव को लेकर लोगों में कयास तेज होते जा रहे हैं. वहीं इस बीच कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर देश के कोविड एक्सपर्ट ने जो भविष्यवाणियां की हैं वो लोगों को राहत देने वाली हैं.
दक्षिणी राज्यों कोरोना वायरस केस में बढ़ोतरी
देश में वैसे तो कोविड केस में तेजी से उछाल नहीं दर्ज किया गया है, लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना वायरस केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. देश में रविवार को खत्म हुए हफ्ते में कोविड के 1,526 नए केस दर्ज किए गए. ये बीते हफ्ते के मुकाबले 25 फीसदी अधिक है. बीते हफ्ते कोविड के 1,219 केस सामने आए थे.
देश में कहीं भी कोविड केस में तेज उछाल की सूचना नहीं मिली, हालांकि कुछ राज्यों में इसके केस में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कर्नाटक में स्पाइक के संकेत थे और ये सही साबित हुए. यहां बीते सप्ताह के 116 केस से बढ़कर केस 276 हो गए. केरल फिर से कोविड केस के मामले में अव्वल बना हुआ है. केरल में बीते हफ्ते के मुकाबले 416 से बढ़कर केस 467 पहुंच गई है. तमिलनाडु में भी कोविड केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यहां बीते हफ्ते के मुकाबले 47 से बढ़कर कोविड केस 86 जा पहुंचे हैं.
अन्य राज्यों में कम आए कोरोना वायरस मामले
देश के अधिकांश अन्य राज्यों में केस संख्या लगभग सपाट रही है. महाराष्ट्र में चालू हफ्ते के दौरान 168 ताजा संक्रमण दर्ज किए गए. बीते हफ्ते से ये कोरोना संक्रमण के मामले कम रहे हैं. बीते हफ्ते महाराष्ट्र में 172 केस दर्ज किए गए थे. दिल्ली में बीते हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते 81 केस कोविड के आए हैं. बीते हफ्ते ये 72 थे. उधर राजस्थान में कोविड केस की संख्या में बीते सप्ताह के मुकाबले कमी आई है. बीते हफ्ते यहां 81 केस थे जो इस सप्ताह घटकर 48 हो गए हैं. जबकि देश के अन्य सभी राज्यों में 50 से कम नए मामले दर्ज किए गए.
सरकार ने दी सावधानी की सलाह
सरकार ने राज्यों को कोरोना वायरस बूस्टर खुराक और टेस्टिंग में तेजी लाने की सलाह दी है. इसके साथ ही एजेंसियों से नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने को कहा है. सरकार ने ये इसलिए कहा है कि ताकि देश में SARS-CoV-2 के नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके. ये कोरोना वायरस का वो वेरिएंट है जो कोविड-19 की वजह बनता है.
चीन के हालातों को देखते हुए पूरी दुनिया में नए वेरिएंट के आने की आशंका बढ़ गई है. इस दौरान एक अच्छी बात ये रही कि मार्च 2020 के बाद पहली बार इस सप्ताह 26 दिसंबर 2022 से 1 जनवरी 2023 के दौरान कोविड से होने वाली मौतों की संख्या घटकर 6 हो गई. दो साल पहले 16-22 मार्च, 2020 के दौरान जीरो मौतों की रिपोर्ट के बाद ये कोविड से होने वाली मौतों का सबसे कम साप्ताहिक टोल था. कोविड डेटाबेस के अनुसार बीते सप्ताह 19 से 25 दिसंबर 2022 तक 16 मौतें दर्ज की गई थीं.
चीन मेंं मौत का तांडव करने वाला कोरोना वायरस ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 ने भारत में पहले ही अपनी दस्तक दे दी थी. देश में BF.7 के 3 मामलों दर्ज हो चुके हैं. बीते साल अक्टूबर 2022 में गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र ने भारत में BF.7 के पहले केस का पता लगाया था. भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय भारतीय सार्स-कोवि-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम-आईएनएसएसीओजी (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium-INSACOG) कोरोना के मामलों की निगरानी कर रही है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल कोरोना वायरस को लेकर अपने दावों को लेकर मशहूर रहे हैं. उन्होंने अपने गणितीय सूत्र मॉडल से कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर के बारे में जो बातें बताई थीं वो सही साबित हुई हैं. इस बीच एबीपी से बातचीत में प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने चीन में कोरोना वायरस का BF7 वेरिएंट को लेकर कहा है कि भारत के लोगों में इस वेरिएंट से लड़ने के लिए प्राकृतिक तरीके से प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है.
इस वजह से लोगों को भारत में इससे खौफ खाने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि सावधानी और सतर्कता बरतना फिर भी जरूरी है. प्रोफेसर अग्रवाल ने ये भी बताया कि भारत में जुलाई में ही कोरोना वायरस BF7 वेरिएंट का पता चल चुका था और इसके बाद कोई इसका यहां कोई खास असर नहीं देखा गया. भारत में कोविड को लेकर वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग के मुताबिक भारत में जिन लोगों को वैक्सीन लग गई है. उन्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है.
कोरोना वायरस विशेषज्ञों के ये दावे भारतीयों को राहत देने वाले हैं, लेकिन इसके साथ हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि इसे हल्के में न लें और सावधानी के साथ कोविड नियमों को फॉलो करें.