हिमाचल में कोविड पॉजिटिविटी रेट ने लगाई छलांग, कई जिले में दवाओं की कमी
राज्य के बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलो में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कांगडा सहित प्रदेश के कई जिलों में जीवन रक्षक दवाओं जैसे डॉक्सीसाइक्लिन और आइवरमैक्टिन की कमी देखी जा रही है. इसकी वजह से मरीजों को दवा मिलने में देरी हो रही है.
हिमाचल प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी की दर एक सप्ताह में 6 फीसदी तक बढ़ गई है. इस सप्ताह हिमाचल में कोविड पॉजिटिविटी दर 26.3 रही, जबकि पिछले सप्ताह (26 अप्रैल से 2 मई) ये दर 20.4 प्रतिशत के करीब थी. हिमाचल में कोरोना की टेस्टिंग भी बढ़ाई गई है. इस सप्ताह राज्य में 1,02,455 टेस्ट किए गए, जबकि इसके पिछले हफ्ते होने वाले कोरोना टेस्ट की संख्या 84,351 थी.
मृत्यु दर में मामूली गिरावट
हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी रेट भले ही बढ़ा है, लेकिन कोरोना से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है. इस सप्ताह कोरोना मृत्यु दर घटकर 1.17 प्रतिशत पहुंच गई है, जबकि पिछले सप्ताह ये दर 1.38 फीसदी थी. प्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरण 34,417 हैं, जबकि अब तक राज्य में कोरोना 1925 लोगों की जान ले चुका है.
कई जिलों में दवाओं की कमी
राज्य के बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलो में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कांगडा सहित प्रदेश के कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही है. इन जिलों में कोरोना के मरीजों को दी जाने वाली जीवन रक्षक दवाओं जैसे डॉक्सीसाइक्लिन और आइवरमैक्टिन की कमी देखी जा रही है. इसकी वजह से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दवा मिलने में देरी हो रही है. ये अपने आप में चिंता का विषय है. यही नहीं धर्मशाला जिले में तो पैरासिटामॉल 650 जैसी दवा भी आसानी से नहीं मिल रही है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दवाईयों की कमी दूर करने का हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वह राज्य के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक व शिक्षित करने के लिए कई प्रकार के प्रयास कर रहा है.
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