Covid R Value: भारत के कुछ राज्यों से कोरोना के नए मामले आ रहे हैं जिसके चलते रिप्रोडक्शन नंबर या आर वैल्यू में आई कमी बढ़ गई है. भारत का रिप्रोडक्शन नंबर या वैल्यू 1.2 है जो कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बराबर है जहां केस बढ़ रहे हैं. रिप्रोडक्शन नंबर मतलब एक इन्फेक्टेड आदमी अपने इन्फेक्शन पीरियड में और कितने लोगों को इन्फेक्ट करता है. भारत के 8 राज्य ऐसे है जहां ये आर नंबर एक से ज्यादा है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, मिज़ोरम, कर्णाटक, पुदुचेरी और केरल ये वो राज्य हैं जहां पिछले कुछ दिनों में रिप्रोडक्शन नंबर बढ़ा है. यानी इन राज्यों में कोरोना संक्रमण के केस बढ़े हैं.


क्या है रिप्रोडक्शन नंबर या आर नॉट?


अगर एक आदमी संक्रमित होता है तो वो अपने संक्रमण के दौरान और कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है, रिप्रोडक्शन नंबर जब भी एक से अधिक है तो इसका मतलब केस की ट्राजेक्टरी बढ़ रही है, केस बढ़ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक, “टेक्निकल दृष्टि से रखें तो रिप्रोडक्शन नंबर मतलब एक इन्फेक्टेड आदमी अपने इन्फेक्शन पीरियड में और कितने लोगों को इन्फेक्ट करता है. यहां ये माना जाता है कि रिप्रोडक्शन नंबर जब भी एक से अधिक है तो इसका मतलब केस की ट्राजेक्टरी बढ़ रही है और उसे कंट्रोल करने की आवश्कयता है.”


भारत में रिप्रोडक्शन नंबर की स्थिति



  • भारत के 8 राज्यों में आर नंबर एक से ज्यादा है जबकि 9 राज्यों में एक है.

  • हिमाचल प्रदेश में 1.4, जम्मू कश्मीर में 1.4, लक्षद्वीप में 1.3, तमिलनाडु में 1.2, मिज़ोरम में 1.2, कर्णाटक में 1.2, पुदुचेरी में 1.1 और केरल में 1.1 है.

  • वहीं नागालैंड, मेघालय, हरियाणा, गोवा, झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में ये रिप्रोडक्टिव नंबर एक से ज्यादा है.


केंद्र सरकार के मुताबिक कुछ दिनों पहले तक ये 0.88 तक लेकिन कुछ राज्यों में केस बढ़ने की वजह से 1 से ज्यादा हो गया है. दुनिया के जिन देशों देशों में केस बढ़ रहे है वहां भी ये रिप्रोडक्टिव नंबर एक से ज्यादा है.


लव अग्रवाल ने कहा, “एक इन्फेक्टेड आदमी अपने इन्फेक्शन पीरियड में एक से अधिक इन्फेक्ट कर रहा है. अमेरिका में 1.2 है, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में 1.2 है. भारत में जहां कुछ दिन पहले 0.88 रिप्रोडक्टिव रेट हम नोटिस कर रहे थे उसमें पिछले कुछ दिनों में लिमिटेड टेरिटरी में बढ़ोतरी नोट की गई है.” इसको लेकर सरकार भी सतर्क है और जहां केस बढ़ रहे है वहां कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार के मुताबिक कुछ राज्यों में केस बढ़ने के चलते ये रिप्रोडक्टिव नंबर बढ़ा है.


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