नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में बचत में कमी देखने को मिली है. ऐसा लगातार दूसरी तिमाही में देखने को मिला है कि परिवरों की वित्तीय बचत घटी है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वित्तीय बचत 10.4 फीसदी थी और पहली तिमाही में यह 21 फीसदी रही थी. हालांकि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण वित्तीय बचत में कमी देखने को मिली है.
बचत को लेकर अर्थशात्रियों का बयान
बचत को लेकर अर्थशात्रियों का कहना है कि 9 महीनों के आंकड़ों को अगर एकसाथ देखा जाए तो वित्तीय शेविंग पैटर्न ज्यादा खराब नहीं दिखाई पड़ रहा है. वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वित्तीय बचत काफी बेहतर थी.
कोरोना और लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोग
तिमाही में बचत की कमी का मतलब है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लोगों की आय प्रभावित हुई है. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि लोगों ने अपनी देनदारियां भी कम की हैं.
2020-21 की तीसरी तिमाही में परिवारों का जमा (बैंक जमा) और जीडीपी अनुपात करीब 3 प्रतिशत के आसपास रहा. हालांकि इससे पिछली तिमाही में करीब 7.7 प्रतिशत था.
परिवार का कर्ज बढ़ा है
रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है कि जीडीपी के अनुपात में परिवार का कर्ज मार्च 2019 के अंत से लगातार बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार परिवार का कर्ज जीडीपी-अनुपात दिसंबर 2020 को खत्म हुए तिमाही में बढ़कर 37.9 फीसद तक पहुंच गया, हालांकि सितंबर 2020 को खत्म हुए तिमााही में यह 37.1 फीसद पर था.