Covid Situation in India: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे है, वहीं संक्रमण के चलते मौतें भी हो रहीं हैं. पिछली दो कोरोना वेव की तुलना में हालांकि ये मौतें कम है. इसी बीच मैक्स हेल्थ केयर ने अपने 6 राज्यों में मौजूद अस्पताल के नेटवर्क के जरिए इन तीनों वेव की तुलना की और ये पाया कि पिछली दो लहर के मुकाबले इस बार संक्रमण माइल्ड है और लोगों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ रहा है. वही तीसरी लहर में अस्पातल में संक्रमण से ज्यादातर उन लोगों की मौत हो रही है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है या वो लोग जो 60 साल से ज्यादा उम्र के थे और उन्हें गंभीर बीमारी थी.
मैक्स हेल्थकेयर ग्रुप ने अपने 6 राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और पंजाब के शहरों में मौजूद अस्पतालों का डाटा एनालिसिस किया है. अस्पताल ने ये जानने की कोशिश की है कि तीनों संक्रमण की लहर में क्या अंतर है. अस्पताल के डाटा के मुताबिक तीसरी लहर में लोगों में संक्रमण तेजी से फैला, लेकिन अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी. पिछली दो कोरोना वेव में लोग अस्पताल में भर्ती ज्यादा हुए थे. इस लहर में संक्रमण बहुत माइल्ड रहा है और ज्यादातर को ऑक्सीजन या बाकी दवाओं की जरूरत नहीं पड़ी.
तीनों लहर में कितने मरीज हुए भर्ती
मैक्स हॉस्पिटल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा कहते हैं कि पहली लहर मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक रही, जो कि 10 महीने की थी. इस दौरार पूरे मैक्स हॉस्पिटल के नेटवर्क में 21 हजार लोग भर्ती हुए थे. दूसरी वेव जो की बहुत छोटी थी और 3 महीने रही. मार्च 2021 से लेकर जून 2021 तक 12 हजार लोग भर्ती हुए. तीसरी लहर पिछले साल 15 दिसंबर से शुरू हुई है और अभी हम पांचवें हफ्ते में हैं. 5 हफ्तों में हमारे मैक्स हेल्थ केयर में करीब 1400 लोग कोरोना के चलते भर्ती हुए हैं. इससे यह बहुत साफ हो रहा है कि उन मरीजों की संख्या कम है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है. दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में 1 दिन में 27000 के करीब केस आए थे, इस बार 28 हजार के करीब हैं. 1 दिन में तब 27 हजार केस आए तो सारे बेड फुल थे. आज की तारीख में जिस दिन 28,000 केस आ रहे हैं, हमारे 50 फीसदी बेड खाली हैं.
10 दिनों में संक्रमण और मौतों की संख्या बढ़ी
वहीं अस्पताल के डाटा में ये भी देखने को मिला है कि, अस्पताल में पिछले 10 दिनों भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. खासकर ऑक्सीजन बेड और आईसीयू में. संक्रमण से जो मौत हो रही हैं, उसमें ज्यादातर वो है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली. ऐसे लोगों की संख्या करीब 60 फीसदी है. वहीं बाकी 40% बुजुर्ग है और उन्हें गंभीर बीमारियां थीं. डॉ संदीप बुद्धिराजा के मुताबिक अब मौतें हो रही हैं. दूसरी लहर से तुलना करें तो तब मृत्यु दर 10 परसेंट थी, अब ये 6 फ़ीसदी है. जो लोग सीरियस हो रहे हैं गंभीर हैं, वह काफी ज्यादा बुजुर्ग हैं. 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं और उन्हें बहुत सारी प्रॉब्लम है. दूसरी लहर के दौरान हमने यह देखा कि जो युवा थे, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी भी नहीं थी, उनकी भी मौतें हो रही थीं.
ये भी पढ़ें- Delhi में Weekend Curfew हटाने और बाज़ारों को पूरी तरह खोलने के फैसले पर LG ने लगाई रोक, AAP ने उठाए सवाल
दिल्ली मुंबई में ये लहर पीक पर
अस्पताल के एडमिशन, कोरोना के मामले और संक्रमण रफ्तार को देखते हुए मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा का मानना है की दिल्ली और मुम्बई जैसे शहरों में संक्रमण का पीक लगभग हो चुका है और अगले कुछ दिनों में मामलों में कमी आ जाएगी. पिछले 10 दिनों में हमने एक ट्रेंड देखा है. अस्पताल में ऑक्युपेंसी नंबर बढ़े हैं और अब वो पीक होकर नीचे आना शुरू हो रहे हैं.
ऑक्सीजन की जरूरत हुई कम
डाटा के मुताबिक इस बार मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत कम पड़ी. उन्होंने कहा कि अभी देख रहे हैं कि पिछले 5 से 10 दिनों में अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ी है. खासकर आईसीयू में. 80 फीसदी तक बेड भरे हुए हैं. कुछ मरीज वेंटिलेटर पर हैं, कुछ हाई फ्लो ऑक्सीजन पर हैं. कुछ को ऑक्सीजन की जरूरत है. पिछली लहर में 70 से 80 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, इस बार यह नंबर सिर्फ 20 से 25 पर्सेंट है.
ये भी पढ़ें- UP Election 2022: बीजेपी ने 85 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, असीम अरुण, अदिति सिंह, नितिन अग्रवाल को टिकट