देश में पैर पसार रहा कोविड का नया वेरिएंट JN1, एक्सपर्ट ने बताया कितना खतरनाक, कैसे कर सकते हैं बचाव
कोविड के जेएन.1 स्वरूप के 21 मामले सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने एहतियाती उपायों का पालन करने की सलाह देते हुए कहा कि नए वेरिएंट का उभरना ना तो हैरानी की बात है ना ही इससे घबराने की जरूरत है.
Covid Subvariant JN1: देश भर के अलग-अलग इलाकों में कोविड तेजी से अपने पैर पसार रहा है लेकिन केरल में मिले कोविड के नए सब-वेरिएंट जेएन1 ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है. कोविड के इस वेरिएंट के सामने आने के बाद से विशेषज्ञ इसके बारे में लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड का ये वेरिएंट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी तेजी से प्रसारित हो रहा है. जेएन1 कितना खतरनाक हो सकता है, कितनी तेजी से प्रसारित हो सकता है और इससे बचाव कैसे किया जाए इसके बारे में विशेषज्ञों ने जानकारी दी है.
क्या है जेएन1 वायरस?
जेएन1 कोविड वायरस 2022 में वैश्विक कोविड प्रसार के लिए जिम्मेदार ओमिक्रोन वेरिएंट का सब-वेरिएंट हैं. इसकी प्रसार क्षमता ओमिक्रोन से अधिक है. डॉक्टर के मुताबिक यह वेरिएंट भी उतना ही प्रभावित कर सकता है जितना कि ओमिक्रोन वेरिएंट ने किया था. कोविड से बचाव के लिए जिस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है उस वैक्सीन से ही इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
'वायरस में बदलाव होते रहते हैं'
तीन राज्यों में नए उप-स्वरूप के मामले आने के साथ कोविड-19 संक्रमण के 614 नए मामले सामने आए हैं, जो 21 मई के बाद एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है. नए स्वरूप को लेकर कोविड के फिर से चर्चा में आने के बीच विशेषज्ञों ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है- उपलब्ध उपचार प्रभावी हैं, संक्रमण हल्का है और सभी वायरस में बदलाव होता रहता है.
जेएन1 से जोखिम की कोई बात नहीं है
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ‘वीओआई’ का आशय ऐसे स्वरूप से है जिसमें आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं जो इसकी संक्रामकता, गंभीरता और टीकों से बचने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है.