Cyber Crime complaint :कोविड बूस्टर डोज के लिए अगर आपके मोबाइल पर भी कॉल आ रही है, तो हो जाइए खबरदार, क्योंकि आप भी हो सकते हैं, ऑनलाइन ठगी करने वालों के शिकार. जी हां, नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल थाने की पुलिस कि टीम ने ठगी के एक ऐसे ही नए तरीके का खुलासा किया है, जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाला आरोपी पहले तो बुजुर्गों को वॉट्सऐप कॉल कर कोविड बूस्टर डोज की अपॉइंटमेंट की बात करता है. इसी दौरान एक अन्य वॉट्सऐप कॉल को मर्ज कर लोगों के वॉट्सऐप का एक्सेस हासिल कर लेता था. इसके बाद उनके दोस्तों- परिचितों को मैसेज कर अर्जेन्ट नीड बता कर पैसे ऐंठ लेता था.


डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, मनीष कुमार के रूप में हुई है. यह हरियाणा के पलवल का रहने वाला है. इसके पास से 2 मोबाइल फोन, 4 सिम कार्ड और 1 कार बरामद की गई है. आरोपी पहले भी स्पेशल सेल में दर्ज ठगी के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है. इस पर पहले से 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं, और ये साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने में दर्ज ठगी के मामले का वॉन्टेड भी है.


कॉल करके करता था फ्रॉड


डीसीपी ने आगे बताया कि, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दी गई शिकायत में गुलाबी बाग निवासी 55 वर्षीय महिला गवर्नमेंट ऑफिसर शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें एक कॉल आई थी, जिसमें कॉलर ने खुद का परिचय डॉ. सुनील कुमार के रूप में दिया और बताया कि यह कॉल कोविड बूस्टर डोज के संबंध में है. फिर उस कॉल को उसने दूसरी वॉट्सऐप कॉल के साथ मर्ज कर दिया, जिसका नम्बर +133 से शुरू हो रहा था.


इसके बाद उनका वॉट्सऐप उसके एक्सेस में आ गया. फिर उसने उनके दोस्तों-रिश्तेदारों और सहयोगियों को उनके वॉट्सऐप अकाउन्ट से मैसेज भेज कर इमरजेंसी नीड बता कर पैसे मांगे. इस पर उनके रिश्तेदारों ने बताए गए एकाउन्ट में 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. उक्त महिला को इसकी जानकारी तब मिली जब उनके दोस्तों ने इसके बारे में बताया.


शिकायत के आधार पर 11 अप्रैल 2022 में साइबर नॉर्थ थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन धर्मेंद्र कुमार और एसएचओ साइबर नॉर्थ पवन तोमर की देखरेख में एसआई रोहित, रंजीत, महिला एसआई दीप और अन्य की टीम का गठन कर आरोपी की पहचान कर उसकी पकड़ के लिए लगाया गया था. पुलिस टीम ने तकनीकी जांच शुरू की. जिसमें कई मोबाइल नम्बरों का तकनीकी विश्लेषण किया गया, साथ ही ठगे गए पैसों को भी ट्रैक किया गया. 


किस तरह पुलिस ने पकड़ा


जांच में पुलिस को पता चला कि, बिहार टेलीकॉम सर्कल के नम्बर से कॉल किया गया था, लेकिन वह लिंक नम्बर, मेवात, हरियाणा के पलवल और नूह में सक्रिय है. विस्तृत विश्लेषण के आधार पर पुलिस पलवल के आरोपी मनीष कुमार की पहचान करने में कामयाब हुई. इसके बाद पुलिस ने तीन राज्यों में लगभग 100 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद हरियाणा के पलवल से उसे दबोच लिया. 


इस तरह करता था हेरा फेरी


पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के अपने अलग-अलग सोर्स के माध्यम से प्री-एक्टिवेटेड सिम खरीदता था, इसके अलावा लेन-देन के लिए वही प्री-एक्टिवेटेड बैंक एकाउंट की भी खरीदारी करता था. इसके बाद वह लोगों को कोविड बूस्टर डोज के नाम पर कॉल करके उनके वॉट्सऐप का एक्सेस ले लेता था और फिर उनके जानने वालों को मैसेज भेज कर ठगी को अंजाम देता था. पुलिस के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के इस तरह से ठगी के 20 मामले अब तक सामने आए हैं. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जाँच में जुट गई है.


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