नई दिल्ली:  आम आदमी पार्टी की विधायक और प्रवक्ता आतिशी ने दिल्ली में धीमे वैक्सीनेशन के आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में जब-जब युवाओं को वैक्सीन मिली है तब-तब वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ी है. दिल्ली में एक ऐसा समय था जब करीब 2 हफ्ते तक युवाओं के लिए वैक्सीन की एक डोज भी उपलब्ध नहीं थी. इससे वैक्सीन की स्पीड घट जाती है.


आतिशी ने कहा कि दिल्ली में युवाओं की वैक्सीन ना होने पर वैक्सीनेशन स्पीड घटने के दो कारण हैं-


पहला- 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का 50 फ़ीसदी से अधिक वैक्सीनेशन हो चुका है. इसलिए अब आधे से भी कम लोग बचते हैं जिनका वैक्सीनेशन बचा हुआ है. दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर में 30-35 फ़ीसदी तक संक्रमण दर रही है. बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो वैक्सीनेशन के योग्य ही नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस है कि 3 महीने तक कोविड से ठीक होने के बाद आप वैक्सीनेशन नहीं करवा सकते.


दूसरा- कई ऐसे लोग भी हैं जिनको वैक्सीन लगवाने को लेकर हिचक है. यह कारण है कि 45 साल से अधिक उम्र की वैक्सीनेशन कम हो गई थी.


45 साल से अधिक उम्र की श्रेणी का 2 महीने से ज्यादा का स्टॉक- आतिशी


आतिशी ने कहा कि हमारे पास 45 साल से अधिक उम्र की श्रेणी का 2 महीने से ज्यादा का वैक्सीनेशन स्टॉक है. लेकिन अब 45 साल से अधिक उम्र की श्रेणी का वैक्सीनेशन डोर टू डोर जाने के बावजूद भी एक ठहराव पर पहुंच गया है. दूसरी तरफ युवाओं की वैक्सीन बहुत समय तक दिल्ली सरकार के पास उपलब्ध ही नहीं थी. जब-जब दिल्ली के पास वैक्सीनेशन का स्टॉक आया है तब-तब युवा सामने आकर अपने आप को वैक्सीनेट करवाते हैं और वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ जाती है. अगर हम 21 जून का आंकड़ा देखें तो दिल्ली में 76,062 लोगों को वैक्सीन की डोज लगी हैं, जिसमें से तकरीबन 50 हजार वैक्सीन युवाओं ने लगवाई है. क्योंकि युवा सामने आकर अपने आप को वैक्सीनेट करवाना चाहते हैं.



केंद्र सरकार ने हमारी कभी भी नहीं सुनी- आतिशी


आतिशी का कहना है कि दिल्ली सरकार बार-बार केंद्र सरकार को यह कहती रही है कि 45 साल से अधिक उम्र की श्रेणी का वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध है, उसको क्या 18 से 44 साल के लिए इस्तेमाल कर लें? क्योंकि 45 साल से अधिक उम्र की श्रेणी की वैक्सीन खत्म हो रही है. केंद्र सरकार बार-बार इसके लिए मना करती रही और कहती रही कि 18 वर्ष से 44 वर्ष तक की श्रेणी के लिए वैक्सीन राज्यों को खुद कंपनियों से खरीदना पड़ेगा. केंद्र सरकार का स्टॉक उपलब्ध नहीं हो सकता है. हम बार-बार केंद्र सरकार को कहते रहे कि युवा अपने आप को वैक्सीनेट करवाना चाहते हैं. उनके लिए हमें वैक्सीन और चाहिए. वहां पर वैक्सीनेशन की स्पीड और बढ़ सकती है. लेकिन केंद्र सरकार ने हमारी कभी भी नहीं सुनी और बार-बार मना करती रही.


आतिशी के मुताबिक आखिरकार आज केंद्र सरकार ने एक यूनिवर्सल वैक्सीन अभियान शुरू होने के एक दिन बाद प्रेस रिलीज जारी की है कि 45 साल से अधिक उम्र के लोगों की वैक्सीन को भी 18 साल से अधिक उम्र के लिए लगाया जा सकता है. दिल्ली सरकार ने बार-बार यह आवाज उठाई कि हमें एक भी वैक्सीन की डोज इस यूनिवर्सल वैक्सीनेशन अभियान के तहत नहीं मिली है तो आखिरकार आज एक प्रेस रिलीज के माध्यम से केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है. यह एक ऐसी मांग थी जो दिल्ली सरकार बार-बार केंद्र सरकार के सामने रख रही थी लेकिन उस मांग को माना नहीं जा रहा था.


वैक्सीनेशन पर राजनीति करना बंद करे केंद्र- आतिशी


आतिशी ने आगे कहा कि हमारा केंद्र सरकार से आग्रह है कि वैक्सीनेशन पर राजनीति करना बंद करिए. राजनीति, प्रेस कॉन्फ्रेंस से देश तीसरी लहर से नहीं बचने वाला है. देश अगर तीसरी लहर से बचेगा तो सिर्फ और सिर्फ वैक्सीन की डोज से बचेगा. इसलिये केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह जल्द से जल्द फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को अनुमति दें और भारत के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करवाएं. जितनी जल्दी भारत का वैक्सीनेशन होगा उतनी जल्दी पूरा देश कोविड से बचेगा.


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