Xplained: कोरोना महामारी के दौरान जहां बड़े बड़े देश धराशायी होते दिखे तो वहीं भारत ने इस पर नियंत्रण पाने में तेजी दिखाते हुए इतिहास रच दिया है. दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में सरकार की ओर से बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने के बाद अपार सफलता मिली है. अभियान शुरू होने के करीब नौ महीने बाद भारत ने वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर ये जता दिया है कि वो भी किसी से कम नहीं. वैक्सीनेशन की सफलता में लोगों की जागरुकता और मेडिकल स्टाफ की कर्मठता खास तौर पर काबिले तारीफ है.
कितने लोगों को मिली वैक्सीनेशन की पहली और दूसरी खुराक?
जागरुक लोगों और कर्मठ मेडिकल कर्मचारियों की वजह से देश में टीकाकरण कवरेज लगातार बढ़ रहा है. जानकारी के मुताबिक व्यस्क आबादी के करीब 74 फीसदी लोगों को पहली खुराक मिल गई है. जबकि 31 प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. 16 जनवरी को भारत ने स्वास्थ्य सेवा और फ्रंट वर्कर्स को प्राथमिकता देते हुए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू किया. अब तक 1.03 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को पहली खुराक मिल चुकी है और 90.98 लाख को दोनों डोज मिले हैं. इसी तरह, 1.83 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को उनकी पहली खुराक मिली है, और 1.55 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को दोनों इंजेक्शन दिए गए. 1 अप्रैल को भारत ने नया चरण शुरू किया जिसमें 45 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन शॉट के लिए योग्य बनाया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 60 से अधिक आयु वर्ग में 10.62 करोड़ लोगों ने पहली खुराक दी है और 6.20 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. 45 से अधिक आयु वर्ग में 16.88 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिल चुकी है और 8.76 पूरी तरह से टीका लगाए गए हैं.
1 मई को, भारत ने 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों सहित अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार किया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 18-44 आयु वर्ग के 39.73 करोड़ लाभार्थियों को पहली खुराक मिली है जबकि 11.57 करोड़ को दोनों शॉट मिले हैं. अप्रैल और मई में, जब भारत कोविड -19 टीकों की भारी कमी का सामना कर रहा था, विपक्ष शासित राज्यों और केंद्र के बीच जुबानी झगड़ा भी देखा गया था.
वैक्सीन की दूसरी खुराक पर है अब जोर
वैक्सीनेशन के 100 करोड़ के निशान की यात्रा बहुत आसान नहीं थी. वैक्सीनेशन के रास्ते में कई परेशानियां आई जिसे प्रशासन और मेडिकल कर्मचारियों ने धैर्यपूर्वक हल करने की कोशिश की. सरकार अब दूसरी खुराक को लेकर गंभीर है और इस लक्ष्य को पाने के लिए तेजी से हर स्तर पर काम किया जा रहा है. राज्य सरकारों के साथ बातचीत में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने लोगों को अपना टीकाकरण पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने राज्यों से कहा कि वे कम वैक्सीन वाले जिलों को कवर करें और लोगों को इसे लेने के लिए प्रोत्साहित करें.
किन किन राज्यों में अब तक कितना वैक्सीनेशन?
पूरे देश में औसत करीब 74 फीसदी लोगों को पहली खुराक मिल गई है. वही करीब 31 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है. आईए कुछ राज्यों के बारे में जानते हैं कि वहां वैक्सीनेशन की क्या दर है. दिल्ली में अब तक करीब 84 फीसदी लोगों ने पहली डोज और 46 फीसदी लोगों ने दोनों खुराक ले ली है. वही केरल में 94 फीसदी से अधिक लोगों ने पहली और 46 फीसदी लोग दोनों वैक्सीन ले चुके हैं. गुजरात में 90 फीसदी लोग पहली और 47 फीसदी लोग दूसरी डोज लेने में सफल रहे हैं. राजस्थान में पहली डोज लेने वाले करीब 81 फीसदी लोग हैं जबकि 36 फीसदी लोग पहली और दूसरी डोज ले चुके हैं. कर्नाटक में 83 फीसदी लोग पहली और 41 फीसदी लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं. वही महाराष्ट्र में 69 फीसदी लोग पहली और 31 फीसदी लोग पहली और दूसरी दोनों खुराक ले चुके हैं. इसके साथ ही बिहार में 65 फीसदी लोग पहली और करीब 21 फीसदी लोग दोनों खुराक ले चुके हैं. जबकि उत्तरप्रदेश में करीब 63 फीसदी लोग पहली खुराक और करीब 20 फीसदी लोग दोनों खुराक ले चुके हैं.
वैक्सीन लेने में महिलाएं हैं पीछे
कोरोना से निपटने के लिए सरकार की ओर से कई जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. वैक्सीनेशन पर खासा जोर है. इस बीच आंकड़े ये बताते हैं कि महिलाएं वैक्सीन की डोज लेने में पुरुषों से पीछे हैं. आंकड़ों के मुताबिक 48.1 फीसदी महिलाएं ही अब तक टीकाकरण करवा पाई हैं जबकि पुरुष इस मामले में कुछ आगे हैं. करीब 52 फीसदी पुरुष अब तक वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले चुके हैं.
कोरोना संक्रमण और ठीक होने की ताजा स्थिति
भारत ने पिछले 24 घंटों में 18,454 नए मामले दर्ज किए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सक्रिय केस 1,78,831 है. ठीक होने की दर वर्तमान में 98.15 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है. वही कोरोना के संक्रमण के कारण अब तक मरने वालों की संख्या 4.52 लाख से अधिक हो गई है.
फिलहाल भारत में कई तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं जिनमें कोविशिल्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक V शामिल है. आंकड़ों के मुताबिक 88.41 फीसदी लोगों को कोविशिल्ड की डोज दी गई है. जबकि करीब 12 फीसदी लोगों ने कोवैक्सीन की डोज ली है. वही 0.11 फीसदी लोगों ने स्पूतनिक V की खुराक ली है. बहरहाल वैक्सीनेशन में भारत की स्थिति बेहतर हो रही है वही कई देश ऐसे हैं जहां स्थिति काफी गंभीर है. एक अनुमान के मुताबिक कम आय वाले देशों में केवल 3 प्रतिशत लोगों को ही पहली खुराक मिली है. उम्मीद है कि जिस कोरोना की वजह से दुनिया भर में हाहाकार है उस पर जल्द की काबू पा लिया जाएगा.