श्रीनगरः जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश में कोरोना की लड़ाई में किसी भी तरह की लापरवाही से इंकार किया है और प्रदीश में ऑक्सीजन, रएमडीसीवेर और वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति का दावा किया है. गुरुवार को देर रात एक प्रेस कांफ्रेंस कर उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर खान ने मीडिया पर सही खबर ना देना का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. हालांकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही दिख रहा है.
abp न्यूज़ ने राजधानी श्रीनगर के पांच वैक्सीन केंद्रो पर जाकर सरकार के दावों की पड़ताल की तो दावे बिलकुल झूठे दिखे. हर वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन के 'OUT OF STOCK' का बोर्ड लगाया गया है और लोगों को पांच दिन बाद आने के लिए कहा गया है.
यही हाल कश्मीर के सभी दस जिलों के वैक्सीन केन्द्रों का है. जहां पर आने वाले लोगो को वैक्सीन नहीं मिल रहा है. इन बूथों पर कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें सेंकेंड डोज लेना था. श्रीनगर के जवाहर नगर इलाके में बने वैक्सीन केंद्र पर 70 साल के मोहम्मद इफ्तिखार अपना दूसरा डोज़ लेने के लिए आये थे लेकिन उन्हें निराश ही लौटना पड़ा.
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर खान का दावा है कि राज्य में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवाई की कोई कमी नहीं पर वैक्सीन भी सब के लिए उपलब्ध है. बसीर खान ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 1 करोड़ 45 लाख वैक्सीन का आर्डर भी दिया है.
हालांकि जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य सचिव अतुल डुल्लो ने कहा है कि 1 मई से जम्मू कश्मीर में टीकाकरण की शुरुआत नहीं हो सकेगा. डुल्लो के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 15 मई तक वैक्सीन आने की उम्मीद है और 20 मई से ही टीकाकरण शुरू होगा.
ऐसे में सवाल यह है कि सच कौन बोल रहा है- सलाहकार या सचिव. और क्या हकीकत है वैक्सीन की सरकार के दावे अलग है और ज़मीनी हकीकत अलग.
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