(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Covid Vaccination: रिसर्च का दावा- ओमीक्रोन से मुकाबले के लिए जरूरी है कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज
अध्ययन के तहत तीन श्रेणियों में टीके के प्रभाव का आकलन किया गया और परीक्षण के तहत सभी लोगों की करीबी तौर पर निगरानी की गई.
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कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और दोनों के मिश्रण की खुराक ले चुके लोगों में एंटीबॉडी का स्तर छह महीने के बाद घटने लगता है. राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे के एक अध्ययन से यह संकेत मिला है.
एनआईवी में वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने कहा कि डेल्टा और अन्य चिंताजनक स्वरूप के मामले में पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन दिए जाने पर अच्छे नतीजे मिले. अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित किए गए हैं.
टीकाकरण रणनीति में बदलाव करने की जरूरत
अध्ययन के तहत तीन श्रेणियों में टीके के प्रभाव का आकलन किया गया और परीक्षण के तहत सभी लोगों की करीबी तौर पर निगरानी की गई. अध्ययन से पता चला कि ओमीक्रोन के मामले में टीकाकरण उपरांत बनी प्रतिरोधी क्षमता छह महीने बाद कमजोर होने लगी. इससे टीकाकरण रणनीति में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है.
कल कोरोना के 1335 केस दर्ज
वहीं दूसरी तरफ जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामलों में आज मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1260 नए केस सामने आए हैं और 83 लोगों की मौत (Covid Deaths) हो गई. कल कोरोना के 1335 केस दर्ज किए गए थे और 52 लोगों की मौत हुई थी. जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है.
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