भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस बार सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा रही है. इसी के चलते जहां प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के एक डोज के लिए आपको 250 रुपए देने होंगे, वहीं सरकारी अस्पताल में ये वैक्सीन फ्री में उपलब्ध होगी. इस चरण में 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा. साथ ही 45 साल से ज्यादा उम्र के वैसे लोगों को भी टीका लगाया जाएगा जो बीमार हैं. दरअसल, हेल्थ मिनिस्ट्री ने 20 बीमारियों की लिस्ट बनाई है. इस लिए 45 साल से ज्याद उम्र वालों को लिस्ट से जुड़ी इन 20 बीमारियों में से कोई बीमारी है तो वो टीका लगवा सकते हैं.
20 बीमारियों की लिस्ट:
1.पहले हार्ट फेल की वजह से अगर अस्पताल में भर्ती हो चुके हों तो टीका लग सकता है.
- कार्डियक ट्रांसप्लांट और लेफ्ट वेंट्रीकुलर असिस्ट डिवाइस
- लेफ्ट वेंट्रीकुलर सिस्टोलिक डिसफंक्शन
- मध्यम या गंभीर वाल्वुलर हृदय रोग
- गंभीर पीएएच या इडियोपैथिक पीएएच के साथ जन्मजात हृदय रोग
- अगर किसी को उच्च रक्तचाप या मधुमेह के साथ कोरोनरी धमनी की बीमारी है
- एनजाइना और उच्च रक्तचाप या मधुमेह का इलाज चल रहा हो
- एमआरआई प्रलेखित स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप, मधुमेह हो
- उपचार पर पल्मोनरी धमनी उच्च रक्तचाप हो
- अगर 10 साल से मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हैं
और उच्च रक्तचाप की समस्या हो
- किडनी, लीवर, हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट
- हेमोडायलिसिस, सीएपीडी पर गुर्दे की बीमारी का अंत
- मौखिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड, इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं का वर्तमान लंबे समय तक इस्तेमाल
- विघटित सिरोसिस
- पिछले दो सालों में हॉस्पिटलाइज़ेशन के साथ गंभीर श्वसन रोग हुआ हो
- लिंफोमा, ल्यूकेमिया, मायलोमा
- जुलाई 2020 या उसके बाद या वर्तमान में किसी भी कैंसर चिकित्सा पर किसी ठोस कैंसर का निदान हो
- सिकल सेल डिजीज, बोन मैरो फेलियर
- प्राथमिक प्रतिरक्षा विकार, एचआईवी संक्रमण हो
- बौद्धिक अक्षमता के चलते विकलांग व्यक्ति, श्वसन तंत्र की समस्या, विकलांगों में उच्च समर्थन की आवश्यकता हो
इस लिस्ट के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा है कि 45 से 60 साल की उम्र के लोगों वैक्सीन लगवाने के समय आधार कार्ड, रोजगार प्रमाण पत्र दिखाना पड़ेगा. वहीं लगभग 10,000 निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत सूचीबद्ध किया गया. इसी कड़ी में 600 से ज्यादा अस्पतालों को सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध किया गया और अन्य निजी अस्पतालों को राज्य सरकारों के स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत सूचीबद्ध किया गया है.
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