नई दिल्ली: भारत के कोवैक्सीन टीके को ब्राज़ील में बड़ा झटका लगा है. ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत बायोटेक के साथ हुए अनुबंध को सस्पेंड करने का फैसला किया है. ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कम्पट्रोलर जनरल कार्यालय की सिफारिश पर कोवैक्सीन के अनुबंध को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया.
संघीय सरकार ने टीके के लिए कोई भुगतान नहीं किया- ब्राज़ील के राष्ट्रपति
सीजीयू के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, अनुबंध में कोई अनियमितता नहीं है, लेकिन अनुपालन के गहराई से विश्लेषण के लिए अनुबंध को निलंबित करने का फैसला किया गया है. साथ ही कहा गया है कि अभी तक इस टीके के लिए ब्राज़ील की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ANVISA की मंजूरी भी नहीं मिली है. इससे पहले ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेर बोपसेनारो ने दी सफाई में कहा था कि संघीय सरकार ने कोवैक्सिन टीके के लिए कोई भुगतान नहीं किया है.
ध्यान रहे कि ब्राज़ील में आरोप लगे रहे हैं कि बोलसेनारो सरकार ने ऊंचे दाम पर कोवैक्सीन टीके खरीदने का फैसला किया जबकि इससे कम मूल्य वाले विकल्प मौजूद थे. जन प्रतिनिधि लुई मिरांडा और उनके भाई लुई रिकार्डो मिरांडा ने इस मामले पर संसदीय पैनल के सामने शिकायत दर्ज कराई. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पूर्व कर्मचारी ने भी आरोप लगाया कि इस सौदे को ऊँचे दाम पर करने के लिए उनपर दबाव डाला गया.
फरवरी 2021 में हुआ था 2 करोड़ टीके खरीदने का समझौता
ब्राज़ील ने फरवरी 2021 में भारत बायोटेक कम्पनी के साथ 2 करोड़ कोवैक्सीन टीके की खरीद का समझौता किया था. इसके लिए ब्राज़ील को करीब 2400 करोड़ रुपये का भुगतान करना था. इस सौदे में ब्राज़ील क़ई कम्पनी प्रेसिसा मेडिकामेंटोस भी साझेदार है. हालांकि ब्राज़ील में भारतीय कोवैक्सीन टीके क़ई आपूर्ति को लेकर काफी समय.से सियासत हो रही है. महीनों की क़वायद और सभी जरूरी कागजात दिए जाने के बावजूद ANVISA ने कोवैक्सीन को इजाजत नहीं दी है. ऐसे में इस सौदे को फेल करवाने में पर्दे के पीछे प्रतिस्पर्धी वैक्सीन दावेदारों की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि ब्राज़ील में कोरोना प्रबन्धन को लेकर राष्ट्रपति बोलसेनारो पहले से ही सवालों के घेरे में हैं. ऐसे में उनके खिलाफ जहाँ तीखे हमले हो रहे हैं.