Covid Vaccine: भारत में दो कोविड वैक्सीन के बाद तीसरी को मिली मंजूरी, अन्य वैक्सीन का क्या है हाल-जानें
भारत में दी जा रही कोविड की दो वैक्सीन के अलावा तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. जो कि घातक कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो सकती है. जानें अन्य वैक्सीन की क्या स्थिति बनी हुई है.
भारत ने अब तक 10 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन दी जा चुकी है. देश में रोजाना कोविड 19 वैक्सीन की 34,30,502 डोज दी जा रही हैं. जिसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन का नाम शामिल है लेकिन अब नए वेरिएंट के घातक प्रकोप से बचने के लिए भारत में तीसरी वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है, जिसका नाम स्पुतनिक वी है.
स्पुतनिक वी को भारत में मिली मंजूरी:
संक्रमण की एक घातक दूसरी लहर के बीच भारत में तीसरे कोरोना वायरस वैक्सीन को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. रूस के स्पुतनिक वी को सुरक्षित माना जा रहा है और ये एक तरह से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के समान काम करता है जो भारत में कोविशिल्ड के रूप में बनाया जा रहा है. स्पुतनिक वी कोविड 19 के खिलाफ लगभग 92 फीसदी सुरक्षा प्रदान करता है.
क्या है कोविड वैक्सीन का गणित?
कोविशील्ड वैक्सीन: भारत सरकार ने ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी, वहीं लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लेना जरूरी है. ये 45 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को लगाई जा रही है और ये 70.4 फीसदी काम करती है.
कोवैक्सीन: ये वैक्सीन कोरोना के घातक प्रकोप से बचाने के लिए काफी कारगर साबित हो रही है. इस वैक्सीन की दोनों डोज लेना जरूरी है. इस अभी 45 साल से ऊपर के लोगों को लगाने की मंजूरी मिली है वहीं ये हमारे शरीर में 80.6 फीसदी काम करती है.
स्पुतनिक वी: रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी को अब भारत में मंजूरी दे दी गई है. कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद ये तीसरी वैक्सीन है, भारत दुनिया का 60वां देश है जिसने स्पुतनिक वी को मंजूरी दी है. ये वैक्सीन हमारे शरीर में 91.5 फीसदी तक इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है. इसकी भी दोनों डोज लेना जरूरी है.
जॉनसन वैक्सीन: अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड वैक्सीन लगाए जाने के बाद लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने का मामला सामने आया था. वहीं भारत में इसके क्लिनिकल ट्रायल का आवेदन दिया जा चुका है. इसकी सिंगल डोज काफी है वहीं ये 85 फीसदी तक कारगर है.
जायडस वैक्सीन: दवा कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन 'जईकोव-डी' के सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं. लेकिन अभी इसको मंजूरी नहीं मिली है वहीं इसकी एक डोज काफी है और ये 91 फीसदी तक कारगर है.
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