नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को सरकारी पैनल ने बड़ा झटका दिया है. सरकारी पैनल ने 2-17 आयु वर्ग के बच्चों पर कोवावैक्स टीके के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है. पीटीआई के सूत्रों ने यह जानकारी दी है.


किसी भी देश में कोवोवैक्स को मंजूरी नहीं दी गई- सरकारी पैनल


सीरम इंस्टिट्यूट ने सोमवार को 2 से 18 आयुवर्ग के 920 बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए DCGI को आवेदन दिया था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञ समिति ने यह कहते हुए ट्रायल की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि किसी भी देश में कोवावैक्स को मंजूरी नहीं दी गई है.


दरअसल सीरम इंस्टिट्यूट ने अगस्त, 2020 में अमेरिका की वैक्सीन कंपनी नोवावैक्स इंक के साथ लाइसेंस करार की घोषणा की थी. नोवावैक्स द्वारा तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन को भारत में कोवावैक्स नाम दिया गया है. सीरम इंस्टिट्यूट फिलहाल देश में 'कोविशील्ड' वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है. 'कोवावैक्स' उसके द्वारा तैयार की जा रही दूसरी वैक्सीन है.


अदार पूनावाला ने क्या दावा किया?


कोवावैक्स को लेकर कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था, "इस वैक्सीन में 18 साल से कम आयु-वर्ग की भविष्य की हमारी पीढ़ियों की सुरक्षा करने की शानदार क्षमता है. इसके ट्रायल अभी चल रहे हैं. हमें उम्मीद है कि कोवावैक्स इसी साल सितंबर तक लोगों के लिए उपलब्ध कर दी जाएगी.’’


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