पश्चिम बंगाल में कोविड-19 वैक्सीन की भारी कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दूसरे डोज की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार पहली खुराक में कटौती करने जारी रही है. राज्य सरकार ने सभी जिला और सरकारी अस्पतालों को उपलब्ध वैक्सीन का कम से कम 50 फीसद दूसरे डोज के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया है.
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 वैक्सीन की भारी किल्लत
स्वास्थ्य महकमा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वैक्सीन की भारी कमी के कारण, दूसरा डोज प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा जब तक कि हमें वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा मुहैया न हो जाए. हमारे पास मात्र 6 लाख वैक्सीन के डोज बचे हैं." सरकारी डेटा से खुलासा हुआ है कि 29 जून तक कम से कम 6 लाख 70 हजार लोगों का कोविशील्ड का दूसरा डोज बकाया था, जबकि 1 लाख 60 हजार लोग कोवैक्सीन की दूसरी डोज के लिए बचे थे. कुल मिलाकर दूसरे डोज के लिए बाकी संख्या करीब 3 लाख 79 हजार है.
पहला डोज लगाने में कटौती करने का फैसला
अधिकारी ने बताया कि कोलकाता नगर निगम के लिए पहला डोज अगले दो दिनों तक नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जुलाई के अंत तक करीब 6 लाख लोगों को सिर्फ कोलकाता में दूसरे डोज का बकाया होगा. जिलों को भी कहा गया है कि उन लोगों की पहचान करें जिनका दूसरा डोज बाकी है. कोविशील्ड के लिए दूसरे डोज की नियत तारीख 12-16 सप्ताह बाद है और कोवैक्सीन के लिए पहले डोज के बाद ये 4-6 सप्ताह है. अभी तक सरकार 2 करोड़ 17 लाख लोगों को वैक्सीन लगवा चुकी है, उसमें से 1 करोड़ 67 लाख लोग पहला डोज लगवाने वाले थे. मात्र 49 लाख 80 हजार लोगों ने दूसरा डोज लगवाया है. सबसे ज्यादा वैक्सीन का इस्तेमाल कोलकाता में किया गया यानी कोलकाता के 25 लाख 80 हजार लोगों को पहला डोज लगाया गया जबकि 6 लाख 30 हजार लोगों ने दूसरा डोज इस्तेमाल किया.
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