श्रीनगर: देश भर में कोरोना का कोहराम मचा हुआ है. लोग घरों में क़ैद हैं. वहीं कश्मीर में कोरोना से पहली मौत हो गई है. इसके बाद यहां के लोगों में दहशत है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन के साथ-साथ धार्मिक संगठन भी आगे आ रहे हैं. कश्मीर घाटी में कल जुमे की नमाज़ नहीं अदा की जाएगी. साथ ही सभी दरगाहों और जियारतों पर भी संगठनों ने ताले लगवा दिए हैं.
श्रीनगर में मुफ़्ती नासिर-उल-इस्लाम ने फतवा जारी करके कश्मीर कि सभी मस्जिदों के प्रबंधकों के लिए जुम्मे की नमाज़ आयोजित नहीं करने को कहा है. फतवे में कहा गया है कि सिर्फ़ मस्जिद से अजान दी जाएगी और लोग अपने घरों से ही नमाज़ अदा करेंगे. इस फतवे के बाद कश्मीर के विभिन जिलों में प्रशासन भी हरकत में आ गया. कुलगाम और अनंतनाग में प्रशासन ने भी जुमे की नमाज़ और किसी भी बड़े धार्मिक आयोजन को प्रतिबंधित कर दिया है. इसका उल्लंघन करने पर कड़ी करवाई भी की जाएगी.
श्रीनगर में ड्यूटी कमिश्नर की अगुवाई में सभी ज़ियारातों, दरगाहों और सभी धार्मिक स्थलों को बंद करने का काम भी शुरू कर दिया गया है. श्रीनगर में दरगाह हजरतबल और जामिया मस्जिद को भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है. ग़ौरतलब है कि यहां जुम्मे की सब से बड़ी नमाज़ का आयोजन होता है.
इसके अलावा दस्तगीर साहब, ख्वाजा हबीबुल्लाह नाक़श्बंदी, शाह हमदान और सैयद साहब की ज़ियारातों को भी बंद कर दिया गया है. साथ ही गुरुद्वारा और मंदिरों को भी बंद किया गया है. डिप्टी कमिश्नर शाहिद इकबाल चौधरी के अनुसार यह फैसला लोगों की सुरक्षा और कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए लिया गया है.
शाहिद के अनुसार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 'लोगों के मिलने और एक जगह जमा होने को रोकना है. उन्होंने कहा है कि मस्जिद, दरगाह और धार्मिक स्थल ऐसी जगह हैं जहां संक्रमण के फैलने की आशंका अधिक रहती है.
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