COVID-19: कोरोना से निपटने के लिए व्यापक तैयारी, स्वास्थ्य सुविधाओं को तीन कैटेगरी में बांटा गया
अब कोरोना से निपटने के व्यापक तैयारी की गई है और इसी के तहत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी सुविधा बनाई गई है. इसके तहत हैल्थ फैसिलिटीज को तीन कैटेगरी में बनाया गया है.
नई दिल्ली: जेश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अब कोरोना से निपटने के व्यापक तैयारी की गई है और इसी के तहत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटी सुविधा बनाई गई है. इसके तहत हैल्थ फैसिलिटीज को तीन कैटेगरी में बनाया गया है.
पहली कैटेगरी है - डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल
अस्पताल में संक्रमित यानी कन्फर्म केस और संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग जगह होती है. इन अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर और बेड के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम होता है. डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल, DCHC (डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर) और DCCC (डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर) के लिए रेफरल केंद्रों के रूप में काम करेंगे.
दूसरी कैटेगरी है - डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर
डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर ऐसे अस्पताल हैं जहां मॉडरेट रूप से बीमार कोरोना मरीज का इलाज होता है. डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर के पास संदिग्ध और पुष्टि मामलों के लिए अलग-अलग जोन हैं. इन अस्पतालों में बेड के ऑक्सीजन सिस्टम होंगे. हर डेडीकेटेड कोविड हैल्थ सेंटर को एक या अधिक डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल में मैप किया जाता है.
तीसरी कैटेगरी है - डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर
डेडीकेटेड कोविड सेंटर केवल उन मामलों की देखभाल करेगा जिन्हें हल्के लक्षण हैं या फिर संदिग्ध हैं. ये अस्थायी सुविधाएं हैं, जो राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा हॉस्टल, होटल, स्कूल, स्टेडियम, लॉज आदि में स्थापित की जा सकती हैं. दोनों सार्वजनिक और निजी. इन सुविधाओं में संदिग्ध और पुष्टि किए गए मामलों के लिए अलग-अलग जगह होगी.
आज तक भारत के 483 जिलों में 7740 सुविधाओं की पहचान की गई है, जिसमें राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों और केंद्र सरकार की सुविधाएं शामिल हैं. इनमे 656769 आइसोलेशन के लिए बेड, 305567 कन्फर्म केस के लिए बेड, 351204 संदिग्ध मामलों के लिए बेड 99492 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड और 34076 आईसीयू बेड है.
भारत में इस समय कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 62939 है. वहीं अब तक 19357 मरीज इस संक्रमण से ठीक हुए है.वहीं पिछले 24 घंटे में 3277 नए मामले सामने आए तो वहीं 1511 मरीज ठीक हुए है. इस संक्रमण से अब तक भारत में 2109 मरीजों की मौत हो चुकी है.